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युवराज भी रह चुके हैं लंग कैंसर के शिकार, जानिए इस बीमारी से कैसे बचेंगे फेफड़े?

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 12 Dec, 2019 04:50 PM
युवराज भी रह चुके हैं लंग कैंसर के शिकार, जानिए इस बीमारी से कैसे बचेंगे फेफड़े?

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर और 'सिक्सर किंग' के नाम से पहचाने जाने वाले युवराज सिंह आज 38 साल के हो गए हैं। युवराज ने वैसे तो क्रिकेट से संन्यास ले लिया है लेकिन लोगों के दिलों में उनकी जगह अब भी बरकरार है। उन्होंने न केवल मैदान की बल्कि जिंदगी की जंग भी जीती है। युवराज ने अपनी शानदार बैटिंग की बदौलत भारत को सन 2011 का वर्ल्ड कप जीताया था, लेकिन यह वही समय था जब युवराज मैदान में खून की उल्टियां कर रहे थे, जिसके बाद युवराज के कैंसर की खबर सामने आई।

 

बता दें कि युवराज को फेफड़ों में ट्यूमर था। इसके बाद युवराज अपना इलाज कराने के लिए अमरीका के बोस्टन शहर में चले गए थे। जहां पर उनके इस कैंसर का सफलतापूर्वक इलाज किया गया और वह पूरी तरह से स्वस्थ होकर भारत आए।

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फेफड़े का कैंसर दूसरा सबसे आम पाए जाने वाला कैंसर हैं, दिन- प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जरूरी नहीं यह केवल स्मोकिंग, तंबाकू व शराब पीने वालों को हो, रेडॉन (रेडियोधर्मी गैसें), लगातार बढ़ते प्रदूषण, खान-पान के कारण भी लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं।

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रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल लंग कैंसर के करीब 67 हजार नए मामले सामने आते हैं, जिनमें 48 हजार से ज्यादा पुरुष और 19 हजार से ज्यादा महिलाएं शामिल होती हैं।

क्या है फेफड़े का कैंसर?

यह एक ऐसा कैंसर है, जो फेफड़ों में शुरू होकर दिमाग, किडनी के आसपास, हड्डियों और लिवर में फैल सकता है। इसमें किसी एक कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होने के कारण टिश्यूज प्रभावित होने लगते हैं, जो कैंसर की वजह बनते हैं। लंग कैंसर 4 तरह का होता है...

. एडेनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma)
. स्क्वैमस सेल कैंसर (Squamous cell cancer)
. बड़े सेल कार्सिनोमा (Large cell carcinoma)
. नॉन-स्माल सेल लंग कैंसर (Undifferentiated non small cell lung cancer)

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कैंसर के लक्षण

-थकावट
-खांसी
-सांस लेने में परेशानी
-छाती में दर्द
-भूख कम लगना
-बलगम से खून निकलना
-खांसी के साथ बलगम आना

चार तरह से होता है इलाज

1. रेडिएशन
2. कीमोथेरेपी
3. सर्जरी
4. टारगेटेड थेरेपी

अब जानते हैं कि आप लंग कैंसर के खतरे से कैसे बच सकते हैं...

1. घर से बाहर जानते समय मास्क व चश्मा पहनें।
2. लकड़ी या कचरा न जलाएं क्योंकि इससे भी वायु प्रदूषण फैलता है।
3. थोड़ी-थोड़ी देर बाद पानी पीते रहें, ताकि शरीर हाइड्रेटिड रहें और प्रदूषण से नुकसान न हो।
4. अपनी डाइट में हरी सब्जियां जूस, नारियल पानी शामिल करें, ताकि फेफड़ें डिटॉक्स हो सकें।
5. घर के खिड़की दरवाजे बंद रखें और एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें, ताकि घर की हवा दूषित न हो।
7. गाड़ी, घर या अन्य चीजों की साफ-सफाई के लिए खतरनाक केमकिल आधारित उत्पादों की जगह इको-फ्रेंडली उत्पाद इस्तेमाल करें।
8. शराब, तंबाकू, स्मोकिंग, ई-सिगरेट और अन्य नशीली वस्तुओं से दूरी बनाएं।

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इसके अलावा आप कुछ घरेलू नुस्खे अपनाकर भी लंग कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं...

1. 2-3 तुलसी के पत्ते, 3 काली मिर्च, 2 लौंग, छोटा टुकड़ा अदरक,चुटकी भर दालचीनी और 1 हरी इलायची को एक कप पानी में उबालकर खाली पेट पीएं।
2. छाती में कफ होने पर सरसों के तेल में कपूर डालकर हल्का गर्म करें और छाती पर मसाज करें
3. कैंसर से बचे रहने के लिए गुड़ में प्याज का रस मिलाकर सेवन करें यह सूखे और गीले दोनों तरह के कफ में कारगर है।

कैंसर पेशेंट की मदद के लिए युवराज ने बनाई संस्था

युवराज सिंह ने कैंसर पीड़ितों की मदद के लिए 'यूवीकैन' नाम की संस्था बनाई है, जो कैंसर पीड़ितों की मदद करती है। बता दें कि युवराज सिंह ने कैंसर से पीड़ित होने के बाद लोगों की मदद के लिए एक संस्था खोलने पर विचार किया था। यूवीकैन का मतलब, यू- आप, वी- हम और कैन का मतलब कैंसर है।

पंजाब है कैंसर से पीड़ित

एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि पंजाब कैंसर का हब है। यहां पर बड़ी संख्या में लोग इससे पीड़ित हैं। पिछले एक साल से पंजाब में रोजाना औसतन 17 से 18 मौते कैंसर की वजह से हो रही है इसलिए उनकी संस्था का फोकस ग्रामीण इलाकों में हैं।

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