दुनियाभर में हर साल 28 सितंबर को 'World Rabies Day' यानि 'विश्व रेबीज दिवस' मनाया जाता है। इसे मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रेबीज नामक बीमारी के प्रति जागरूक करना है। यह आमतौर पर कुत्ते के काटने से होने वाला रोग है। चलिए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
रेबीज रेबीज एक विषाणु जनित रोग
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, रेबीज एक विषाणु जनित रोग है। वैसे तो सही समय पर इलाज मिलने पर व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है। मगर कई बार मरीज अपनी जान गवां लेता है। आंकड़ों के मुताबिक हर साल दुनियाभर में करीब 59,000 और भारत में 20,000 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर मर जाते हैं। मगर रेबीज का इलाज किया जाता है। यह रोग करीब 90 प्रतिशत तक कुत्ते द्वारा काटने पर व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करता है। कुत्ते द्वारा काटने पर इस रोग के लक्षण 1 से 3 महीनों के अंदर दिखाई देने लगते हैं।
कुत्ते के काटने पर तुरंत लें डॉक्टरी सहायता
अक्सर राह चलते दौरान अवारा कुत्ते काट लेते हैं। इसके अलावा कई बार पालतू कुत्ते से खेलने दौरान भी हाथ-पैर पर खरोच पर जाते हैं। मगर किसी भी परिस्थिति में इसे नजरअंदाज करने की जगह पर तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाएं। असल में, इससे रेबीज होने का खतरा रहता है।
कुत्ते द्वारा काटने पर सबसे पहले करें ये काम
अगर किसी व्यक्ति को कुत्ते ने काटा या खरोज मारी हो तो आप डॉक्टर से पास उसे लेकर जाने से पहले कुछ घरेलू उपाय कर सकती है। ताकि कुत्ते का जगह शरीर में तुरंत फैलने से रोका जा सके।
. कुत्ते ने जिस जगह पर काटा हो उसे पानी की तेज धार से बार-बार साफ करें। ताकि त्वचा पर जमा हुए बैक्टीरिया और कीटाणु साफ हो जाएं। आप एंटी-बैक्टीरियल साबुन से भी प्रभावित जगह को साफ कर सकते हैं।
. प्रभावित जगह पर लाल मिर्च पाउडर लगाएं। यह कुत्ते का जहर शरीर में तुरंत फैलने से रोकती है।
. एक कटोरी में प्याज का रस, अखरोट का पाउडर बराबर मात्रा में लें। फिर उसमें थोड़ा सा नमक और शहद मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाकर ऊपर से पट्टी बांध लें।
. प्रभावित जगह को साबुन से साफ करके डिटॉल लगाएं। फिर उसपर पट्टी बांध दें।
. प्याज के जूस में शहद मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाने से भी एलर्जी से बचा जा सकता है।
ऐसा करने के बाद तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाएं।