आज दुनिया के हर एक व्यक्ति को अपना मत पेश करने की, कहीं भी आने जाने की, कोई भी धर्म अपनाने की सभी की आजादी है। जन्म से हर एक व्यक्ति को यह अधिकार मिल जाते हैं। वहीं आज 10 दिसंबर को हर साल दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है। इसके मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को उनके मानवाधिकारों के बारे में जागरूक करना होता है। तो चलिए आपको इस साल थीम और इसके इतिहास के बारे में बताते हैं।
ये है 2020 की थीम
इस साल मानवाधिकार दिवस की थाम है 'फिर से बेहतर-मानव अधिकारों के लिए खड़े हो जाओ'। दरअसल इस साल की थीम कोरोना महामारी को देखते हुए रखी गई है। इस पर यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने एक संदेश भी जारी किया है और कहा है कि कोरोना महामारी का मुकाबला करने के लिए प्रयासों, लैंगिक समानता, जनभागीदारी, जलवायु न्याय और टिकाऊ विकास में- मानवाधिकारों को केंद्रीय महत्व देने की जरूरत है।
इसलिए मनाया जाता है मानवाधिकार दिवस
तो चलिए अब आपको यह बताते हैं कि आखिर यह दिन क्यों मनाया जाता है। दरअसल इस दिन को मनाने का उद्देशय है कि लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाए। क्योंकि आज बहुत से ऐसे लोग हैं जो अपने अधिकारों को लेकर ही जागरूक नहीं हैं। मानव अधिकारों के तहत लोगों को अपनी जिंदगी खुलकर जीने का अधिकार प्राप्त है। उन्हें कुछ करने के लिए वंचित नहीं किया जा सकता है।
क्या है इसका इतिहास
दरअसल आज के ही दिन साल 1948 में संयुक्त राष्ट्र सामान्य महासभा ने मानव अधिकारों को अपनाने की घोषणा की थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा साल 1950 में की गई। बात अगर भारत की करें तो भारत में 28 सितंबर, 1993 से मानव अधिकार कानून अमल में लाया गया था और 12 अक्तूबर, 1993 को 'राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग' का गठन किया गया था। मानवाधिकार आयोग राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्षेत्रों में काम करता है। जैसे मजदूरी, बाल विवाह, हेल्थ और एचआईवी एड्स महिला अधिकार मानवाधिकार आयोग का काम ज्यादा से ज्यादा लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना है।
भारतीय नागरिकों को निम्नलिखित मूल अधिकार प्राप्त हैं-
1. समता या समानता का अधिकार
2. स्वतंत्रता का अधिकार
3. शोषण के विरुद्ध अधिकार
4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार
5. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार
6. संवैधानिक अधिकार