नारी डेस्क: हर साल 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य हृदय रोगों के प्रति जागरूकता बढ़ाना और लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। इस लेख में हम विश्व हृदय दिवस का इतिहास, महत्व और इस साल की थीम पर चर्चा करेंगे।
विश्व हृदय दिवस का इतिहास
विश्व हृदय दिवस की शुरुआत 1999 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और इंटरनेशनल हार्ट फेडरेशन (IHF) द्वारा की गई थी। इसका उद्देश्य हृदय रोगों के बढ़ते मामलों के खिलाफ जागरूकता फैलाना और लोगों को अपने हृदय स्वास्थ्य के प्रति सजग बनाना है। पहले विश्व हृदय दिवस का आयोजन 24 सितंबर 2000 को हुआ था, और तब से यह हर साल 29 सितंबर को मनाया जा रहा है।
हृदय रोगों का बढ़ता खतरा
हृदय रोग विश्वभर में मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, लगभग 17.9 मिलियन लोग हर साल हृदय रोगों से मरते हैं। ये संख्या कुल मृत्यु दर का 32% है। अस्वस्थ जीवनशैली, खानपान की गलत आदतें, तनाव और व्यायाम की कमी जैसे कारक हृदय रोगों के बढ़ने में योगदान करते हैं।
विश्व हृदय दिवस का महत्व
विश्व हृदय दिवस का महत्व इस बात में है कि यह लोगों को हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करता है। इस दिन विभिन्न कार्यक्रम, जागरूकता अभियान, और स्वास्थ्य जांच कैम्प का आयोजन किया जाता है। लोग इस अवसर पर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, संतुलित आहार खाने और नियमित व्यायाम करने के लिए प्रेरित होते हैं।
इस साल की थीम
2024 में विश्व हृदय दिवस की थीम "Use Heart to Connect" है। यह थीम लोगों को एक दूसरे के साथ जुड़ने और अपने हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए प्रेरित करती है। इस वर्ष का संदेश है कि हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
विश्व हृदय दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें अपने हृदय स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करता है। इसे मनाने का उद्देश्य हृदय रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है। इस दिन को मनाने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि लोग अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने के लिए प्रेरित होते हैं। इसलिए, इस विश्व हृदय दिवस पर अपने और अपने प्रियजनों के हृदय स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कदम उठाना न भूलें।