पीसीओएस क्या है : PCOS यानि पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, यह महिलाओं को होने वाला एक रोग है, जिसकी वजह से उन्हें अनियमित पीरियड्स और प्रेग्नेंसी में आने वाली परेशानियों का सामना करना पड़ता है। महिलाओं में यह समस्या तनाव और गलत खान-पान के कारण होती है। समय रहते पीसीओएस के लक्षण (PCOS Symptoms) पहचानकर इलाज करना बहुत जरूरी है। इसके अलावा दवाइयों के साथ-साथ सही डाइट लेना भी उतना ही जरूरी है।
क्या है PCOS (Polycystic Ovary Syndrome)?
PCOD और PCOS, इस परेशानी में ओवरी बड़ी हो जाती है और फॉलिकल सिस्ट बहुत छोटा हो जाता है। हार्मोनल इम्बैलेंस के चलते, ओवलुशन की प्रक्रिया पर असर पड़ता है। पहले PCOD और भी अनदेखी करने पर समस्या बढ़ने पर यह परेशानी PCOS में बदल जाती है। इसका कारण काफी हद तक तनाव और गलत खान-पान है।
20-30 साल की उम्र में पीसीओएस का खतरा
रिपोर्ट के मुताबिक, 50% से भी ज्यादा महिलाएं इस बीमारी से अंजान हैं। वहीं 70% महिला पीसीओएस के लक्षणों को अनदेखा कर देती हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, यह बीमारी पहले 20 से 30 साल उम्र की लड़कियों/ महिलाओं को ज्यादा हुआ करती थी, लेकिन पिछले दस सालों में टीनएज ग्रुप (15-19 साल) भी इसकी चपेट में आ गया है। इसके बाद 40 साल के ऊपर की महिलाएं, जिनको मेनोपॉज की गुंजाइश होती है, वे इस बीमारी से प्रभावित होती हैं।
PCOS को कैसे प्रभावित करती है डाइट?
डाइट दो तरीको से PCOS को प्रभावित करती हैं- वजन मैनेजमेंट और इंसुलिन उत्पादन व प्रतिरोध। हालांकि, इंसुलिन पीसीओएस में ज्यादा अहम भूमिका निभाता है इसलिए डाइट के जरिए इंसुलिन का लेवल सही रखें। अगर आप भी पीसीओएस की समस्या से जूझ रही हैं तो डाइट में छोले, क्विनोआ, शकरकंद, एवोकाडो, नींबू, हाई फाइबर सब्जियों और फलियों को शामिल करें।
PCOS में क्या खाएं (PCOS Diet)?
डाइट में हैल्दी चीजें शामिल करके आप ना सिर्फ पीसीओएस को कंट्रोल कर सकते हैं बल्कि यह आपको स्वस्थ रखने में भी मदद करेंगे।
नेचुरल प्रोसेस्ड फूड्स
हाई फाइबर फूड्स
फैटी फिश- सालमन, टूना, सार्डिन और मैकेरल आदि
काले (kale), पालक और अन्य हरी सब्जियां
डार्क रेड फ्रूट्स जैसे लाल अंगूर, ब्लूबेरीज, ब्लैकबेरीज और चेरीज
ब्रोकोली और फूलगोभी
सूखे बीन्स, दाल, और अन्य फलियां
स्वस्थ वसा जैसे जैतून का तेल, एवोकाडो और नारियल
नट्स, पाइन नट्स, अखरोट, बादाम और पिस्ता
मॉडरेशन में डार्क चॉकलेट
मसाले जैसे हल्दी और दालचीनी
पीसीओएस से इन चीजों से करें परहेज
अगर आप पीसीओएस की समस्या से जूझ रहे हैं तो इन चीजों से परहेज करें क्योंकि यह फूड्स आपकी प्रॉब्लम्स को बढ़ा सकते हैं।
सॉफ्ट या एनर्जी ड्रिंक जैसे सोडा, कोको कोला
शर्करा वाली ड्रिंक्स
रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे पेस्ट्री और व्हाइट ब्रेड।
फ्राइड फूड्स जैसे फास्ट फूड।
प्रोसेस्ड मीट जैसे हॉट डॉग, सॉसेज और मीट (Luncheon Meats)।
सोलिड फैट को भी करें अवॉइड
एक्सेस रेड मांस जैसे स्टेक, हैम्बर्गर और पोर्क।
लाइफस्टाइल में करें ये बदलाव
इससे बचने के लिए सही डाइट व दवाइयां लेने के साथ लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करने भी जरूरी है। इससे आप इसे ना सिर्फ कंट्रोल कर सकते हैं बल्कि स्वस्थ भी रह सकते हैं।
पीसीओएस का एक सबसे बड़ा कारण तनाव और टेंशन भी है। ऐसे में जरूरी है कि आप पर्याप्त नींद लें, ताकि ज्यादा तनाव और स्ट्रेस ना हो।
इसमें वजन को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे आपकी परेशानी बढ़ सकती है।
इंसुलिन की मात्रा भी पीसीओएस को प्रभावित करती है इसलिए इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट और एक्सरसाइज का सहारा लें। साथ ही इससे वेट भी कंट्रोल में रहेगा।
दिनभर में कम से कम 8-9 गिलास पानी जरूर पिएं। इससे भी पीसीओएस कंट्रोल में रहेगा।
रोजाना व्यायाम, हल्की एक्सरसाइज और सैर से आप इस बीमारी के खतरे को कम कर सकते है।
कुछ महिलाओं को शराब पीने की आदत होती है लेकिन इससे शरीर में हार्मोन अंसतुलित हो जाते हैं, जो इस बीमारी को बढ़ाते हैं। ऐसे में इससे दूरी बनाएं।