मां बनना किसी भी औरत के लिए एक बहुत ही खास एहसास है।लेकिन मां बनना इतना आसान नहीं होता। जरुरी नहीं की सिर्फ बिना प्रोटेक्शन के शारीरिक संबंध बनाएंगे तो आप प्रेगनेंट हो जाएंगी। यह बहुत लंबी प्रकिया है जिसमें सही समय पर शारीरिक संबंध बनाने पर ही आप प्रेगनेंट हो सकते हो। इस आर्टिकल में हम आपको प्रेग्नेंसी की प्रक्रिया और उसमें लगने वाले समय से जुड़े हर एक पहलू के बारे में बताएंगे। साथ ही आपको कब और कैसे प्रेग्नेंसी टेस्ट करना है, इसकी भी जानकारी देंगे।
ओव्यूलेशन
ओव्यूलेशन के बाद ही प्रेग्नेंसी संभव होती है। ओव्यूलेशन तब होता है जब महिलाओं की ओवरी से एग्स रिलीज होते हैं। ये एग स्पर्म से फर्टिलाइज होने के बाद प्रेग्नेंसी की स्थिति बनाते हैं। जब ये एग रिलीज होते हैं, अगर उस वक्त महिलाओं के फैलोपियन ट्यूब में स्पर्म मौजूद हों तो इसकी पूरी संभावना है कि एग फर्टिलाइज हो जाएगा और आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं।
बिना प्रोटेक्शन के शारीरिक संबंध
अगर आपने ओव्यूलेशन के दौरान बिना प्रोटेक्शन के शारीरिक संबंध बनाए हैं तो इस अवधि में स्पर्म की एग को फर्टिलाइज करने की प्रक्रिया भी तेज होती है। ओव्यूलेशन में महिला का एग 12 से 24 घंटे तक फर्टिलाइजेशनके योग्य होता है। वहीं, शुक्राणु 72 घंटे तक महिला के अंदर जीवित रहता है। एग जब एक बार फर्टिलाइज हो जाता है तो वो गर्भाशय की दीवार पर चिपक जाता है जिसके बाद प्लैसेंटा बनना शुरू होता है। इसलिए अगर आप बच्चे की प्लैनिंग कर रही हैं तो ओव्यूलेशन के समय की सही की जानकारी रखें।
प्रेग्नेंसी हार्मोन
प्लैसेंटा बनने के बाद वो कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन (HCG)हार्मोन रिलीज करता है जिसे प्रेग्नेंसी हार्मोन भी कहा जाता है। गर्भधारण के 10 दिन बाद ही महिलाओं के ब्लड और यूरीन में एचसीजी दिखाई देने लगता है। प्रेग्नेंसी टेस्ट में भी इसी हार्मोन के जरिए प्रेग्नेंसी को डिटेक्ट करते हैं। इस हार्मोन के रिलीज होने का मतलब है कि आप प्रेगनेंट हैं।
कब और कैसे करें प्रेग्नेंसी टेस्ट
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में एचसीजी का स्तर बहुत तेजी से बढ़ता है और डॉक्टर और या प्रेग्नेंसी किट भी इसी का स्तर माप के प्रेग्नेंसी का पता करते हैं। पूरी प्रेग्नेंसी के 9 महीनों तक यह हारमोन हमारे शरीर में रहता है। अगर आपको लग रहा है की आप प्रेग्नेंट हैं तो सबसे पहले घर में प्रेग्नेंसी किट लाकर यूरिन टेस्ट करें। यह किट आपके शरीर में HCG हार्मोन की मात्रा मापेगा और बताएगा की आप प्रेग्नेंट हो की नहीं। आप अपने लास्ट पीरियड्स के पहले दिन से चार सप्ताह बाद होम प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकती हैं। ये ओव्यूलेशन के दो हफ्ते बाद आपके अगले पीरियड्स से ठीक पहले का समय होता है। अगर आपके पीरियड्स 28 दिन के अंतराल के बाद आते हैं तो यह बिल्कुल सही समय है प्रेग्नेंसी टेस्ट का। वहीं अगर आपके पीरियड्स रेगुलर नहीं हैं तो शारीरिक संबंध बनाने के 2 हफ्ते बाद प्रेग्नेंसी टेस्ट करें, रिजल्ट 99 प्रतिशत सही ही आएगा।
कितना भरोसेमंद है प्रेग्नेंसी किट
कई महिलाओं को बाजार में मिलने वाले प्रेग्नेंसी किट को लेकर डाउट्स होते हैं। इन किट बनाने वाली कंपनियों का दावा है की किट 99 प्रतिशत सही रिजल्ट बताती है और यह बिल्कुल सही बात है। यह किट किसी भी मेडिकल स्टोर में मिल जाती है और इस्तेमाल करने में भी काफी आसान होती है। वहीं एक्सपर्टस का भी यही कहना ही की किट से किया जाने वाला प्रेग्नेंसी टेस्ट डॉक्टरों के द्वारा किए जाने वाले ब्लड टेस्ट की तरह ही सुरक्षित और सटीक है।
ब्लड टेस्ट
अगर प्रेग्नेंसी टेस्ट में आपका रिजल्ट पॉजिटिव आया है तो श्योर होने के लिए डॉक्टर के पास जाकर ब्लड टेस्ट करवाएं । इसलिए होम प्रेग्नेंसी के बाद भी डॉक्टर से संपर्क जरूर करें और उसकी सलाह पर खानपान और जीवनशैली में बदलाव करें। याद रखें प्रेग्नेंसी किट सिर्फ 99 प्रतिशत ही सही रिजल्ट बताता है। इसलिए श्योर होना जरुरी है। वहीं डॉक्टर ही अलग-अलग टेस्ट जैसे अल्ट्रासाउंड की मदद से आपको बता सकता है कि आपकी प्रेग्नेंसी पूरी तरह नॉर्मल और हेल्दी है।
प्रेग्नेंसी के ये हैं संकेत
एक्सपर्टस का कहना है कि हर प्रेग्नेंसी एक में उसके लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। आप सिर्फ एक-दो लक्षणों के आधार पर प्रेग्नेंसी का पता नहीं लगा सकती हैं। प्रेग्नेंसी का सबसे पहला लक्षण भी आपके लास्ट पीरियड के पहले दिन के आठ सप्ताह से पहले दिखाई नहीं देते हैं। वहीं, कुछ लक्षण पीरियड मिस होने के तुरंत बाद दिख जाते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षणों में चक्कर, उल्टी, ब्रेस्ट टेंडरनेस, थकान, पेट में ऐंठन-दर्द और सूंघने की क्षमता में बदलाव होने का मतलब प्रेग्नेंसी हो सकता है।
टेस्ट पॉजिटिव आने पर क्या करें
टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद जरुरी है की खुद का ख्याल रखना। डॉक्टर की सलाह पर विटामिन्स का सेवन शुरू कर दें। धूम्रपान और शराब का सेवन प्रेगनेंट महिलाओं के लिए अच्छा नहीं है। इन्हें तुरंत छोड़ दें। खूब सारा पानी पिएं, हेल्दी डाइट और अच्छी नींद लें। इसके अलावा, प्रेग्नेंट महिलाओं को डॉक्टर या किसी प्रोफेशनल की सलाह पर हल्की-फुल्की कसरत भी करनी चाहिए।