भगवान विष्णु को जगत के पालनहार के रुप में जाना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, विष्णु भगवान जी की आराधना करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। मान्यताओं के अनुसा भगवान नारायण की पूजा करने से व्यक्ति को मां लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलता है। इसलिए भक्त उन्हें कई सारे नामों के साथ पुकारते हैं। कोई भगवान विष्णु कहता है तो कोई नारायण, कोई श्री हरि। इसके अलावा कुछ भक्त भगवान विष्णु को लक्ष्मीपति भी कहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं विष्णु जी को नारायण क्यों कहते हैं। आज आपको बताएंगे कि आखिर क्यों भगवान विष्णु को नारायण कहा जाता है....
इसलिए कहा जाता है नारायण
पौराणिक कथाओं की मानें तो भगवान विष्णु को उनके सबसे प्रिय भक्त महार्षि नारद जी भी नारायण कहकर ही बुलाते थे। नारायण का संबंध जल से माना जाता है। बैकुण्ठ धाम में क्षीर सागर के अंदर भगवान विष्णु का वास होता है वहीं जल का पर्यायवची शब्द नीर हैं। वहीं इसके अनुसार, अथवा नर या नीर की गहराई में निवास करते हैं। इसलिए भगवान विष्णु को नारायण कहते हैं।
हरि नाम का भी है खास रहस्य
भगवान विष्णु को हरि नाम से भी पुकारा जाता है। हरि का अर्थ होता है हरने वाला। भगवान विष्णु जी को पालनकर्ता के साथ-साथ दुख हरता भी माना जाता है। भगवान विष्णु की पूर्ण श्रद्धा से की गई आराधना उन्हें अपने भक्तों के दुख और कष्ट हरने के लिए विवश कर देती है। इसलिए श्री विष्णु को हरि कहते हैं। विष्णु पुराण में एक पंक्ति लिखी गई है इसके अनुसार, हरि हरति पापणि जिसका अर्थ है सारे पापों और विलापों को हरने वाले हरि यानि की भगवान विष्णु।