आपने क्रिकेट मैच देखते हुए कभी गौर किया है कि खिलाड़ियों के चेहरे पर सफेद रंग की मोटी लेयर में क्रीम लगी होती हैं। अगर गौर किया है तो क्या आप जानते हैं यह क्रीम लगाई क्यों जाती है। अगर नहीं तो चलिए आज हम आपको इस बारे में ही बताते हैं।
दरअसल क्रिकेटर्स स्किन के लिए जो सफेद क्रीम लगाते हैं वह जिंक ऑक्साइड क्रीम होती है जो कि एक ‘फिजिकल सनस्क्रीन’ है और इसे ‘रिफ्लेक्टर’ के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, जिसे स्किन के ऊपर लगाया जाता है।
यह क्रीम त्वचा पर एक लेयर बना देती हैं जिससे सूरज की हानिकारक किरणों से स्किन को सुरक्षा मिलती है। अब आप सोच रहे होंगे कि जो सनस्क्रीन हम रोजाना यूज करते हैं उसमें और इस स्पैशल क्रीम में क्या फर्क है तो आपको बता दें जो
सनस्क्रीन हम रोजाना लगाते हैं वह ‘केमिकल सनस्क्रीन’ और ‘एब्सॉर्बर’ होते हैं। क्रिकेटर्स जिंक ऑक्साइड का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें 6-7 घंटों लगातार धूप में बिताने पड़ते हैं जो उनकी स्किन के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
ऐसे में जिंक ऑक्साइड क्रीम उनकी स्किन को डैमेज होने से बचाता है। इससे स्किन जलन और सूजन से भी बची रहती है और ना ही किसी तरह की खुजली, रेशेज और एलर्जी की समस्या होती है।
कहां और कैसे लगाई जाती है जिंक ऑक्साइड सनस्क्रीन?
अधिकांश क्रिकेटर्स इसे सिर, चेहरे, गर्दन के पीछे, होंठ या अपने हाथों पर लगाते हैं क्योंकि यह सबसे अधिक एक्सपोज्ड एरिया होता है जहां सूरज की किरणें अपना ज्यादा असर दिखाती हैं। इस क्रीम को सिर और चेहरा पर लगाना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। बस आपको इस इस क्रीम को अपनी उंगुलियों की मदद से ही एक्सपोज्ड एरिया में अच्छे से लगाना है।
अब तो आपको पता चल गया होगा क्रिकेटर्स की स्पैशल क्रीम का राज...