वजन कम करने के उपाय : मोटापा किसी एक की नहीं बल्कि सभी की परेशानी का कारण बना हुआ है। हर कोई शरीर पर जमी चर्बी से निजात पाना चाहता है लेकिन जब शरीर में हार्ड चर्बी इकट्ठा और मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाए तो लाख कोशिशों के बाद भी मोटापा कम नहीं होता। हालांकि वजन कम करने के लिए लोग अपने खाने में तेल का यूज कम करते हैं लेकिन अक्सर लोग खाना बनाने वाले तेल पर ध्यान नहीं देतें, जो सबसे बड़ी गलती हैं।
दरअसल, तेल सैचुरेटेड और अनसैचुरेटेड फैट का मिश्रण है इसलिए वेट लॉस करते समय आपको फैटी फूड से बचने के लिए कहा जाता है। मगर आज हम आपको बताएंगे कि किस तेल का बना खाना वजन घटाने में आपकी मदद करेगा। तो चलिए आपको बताते हैं वजन घटाने के लिए कौन-सा तेल है बेहतर।
खाने में कौन सा तेल उपयोग करना चाहिए
ऑलिव ऑयल (Olive Oil)
एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल ना सिर्फ सेहतमंद रखता है बल्कि यह वजन घटाने में भी काफी मददगार है। इसे खाना पकाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें 73% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 14% सैचुरेटेड फैट होता है।
कैनोला ऑयल (Canola Oil )
इसमें 61% मोनोअनसैचुरेटेड और 8% सैचुरेटेड फैट होता है, जो वेट लूज के हिसाब से सही है। साथ ही इसमें एंटीऑक्सिडेंट और ओमेगा -3 फैटी एसिड भी होता है, जो दिल के लिए फायदेमंद है।
बादाम तेल (Almond Oil)
वजन घटाने के साथ-साथ बादाम तेल आपको सेहतमंद भी रखता है। इसमें फाइबर, विटामिन्स, 65% मोनोअनसैचुरेटेड और 7% सेचुरेटेड फैट होता है, जिससे वजन तेजी से कम होता है।
नारियल तेल (Coconut Oil)
नारियल तेल को खाने बनाने के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है क्योंकि नारियल तेल मीडियम वर्ग ट्राइग्लिसराइड्स (एमसीटी) का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, जो वजन कम करने में मददगार है। इसमें 6% मोनोअनसैचुरेटेड फैट और 87% सैचुरेटेड फैट होता है।
हेजलनट व सूरजमुखी सीड्स ऑयल (Sunflower Oil)
हेजलनट ऑयल में 82% मोनोअनसैचुरेटेड और 7% सेचुरेटेड फैट होता है। वहीं सूरजमुखी के बीज के तेल में 79% मोनोअनसैचुरेटेड और 14% सेचुरेटेड फैट होता है। ऐसे में आप वजन घटाने के लिए इसे भी अपनी डाइट का हिस्सा बना सकते हैं।
नींबू का तेल (Lemon Oil)
नींबू में विटामिन सी बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है जो सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप बढ़ी हुई चर्बी को कम करना चाहते है तो रोज सुबह नींबू के तेल की 2 बूंदें पानी में डालकर पीएं। इससे वजन कम करने में मदद मिलेगी।
एवोकाडो ऑयल (Avocado Oil)
औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाने वाले एवोकाडो ऑयल में विटामिन की मात्रा भरपूर पाई जाती है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण ना सिर्फ मोटापा कम करते हैं बल्कि इससे आप इससे आप गठिया और सूजन की समस्या से भी बचे रहते हैं।
रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल है गलत
खाना बनाने के लिए किसी भी तरह के रिफाइंड ऑयल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल, रिफाइंड तेल प्रोसेस किया हुआ तेल होता है। साथ ही इसमें कई प्रकार के ब्लीच और केमिकल डाले जाते है, जिससे तेल में मौजूद न्यूट्रिशन, रंग, स्वाद और खुशबू चली जाती है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप खाना बनाने के लिए रिफाइंड तेल का यूज ना करें।
हानिकारक है बचा हुआ तेल
रिसर्च में बताया गया कि बचे हुए तेल में फ्री रेडिकल्स बनने लगते हैं, जो आगे चलकर कई गंभीर बीमारियों का कारण बनते हैं। वहीं बार-बार तेल गर्म करने से उसकी गंध खत्म हो जाती है और उसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी नहीं बचते, जिसके चलते उसमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व पैदा हो जाते हैं।
इन बातों पर भी दें ध्यान
डीप फ्राई करने या भोजन बनाने के लिए एक साथ कई तेलों का इस्तेमाल ना करें। एक समय में 1 तेल से ही भोजन पकाएं।
अगर तेल का रंग बदल गया है तो बेहतर होगा कि आप उसे फेंक दें।
किसी भी चीज को डीप फ्राई करने के लिए जैतून के तेल का इस्तेमाल ना करें क्योंकि कम मात्रा इसका सेवन ही सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ऐसे में बेहतर होगा कि आप भोजन पकाने की लिए इसे यूज में लाएं।
सस्ते तेल जो जल्दी गर्म हो जाते हैं, लेकिन अगर उन्हें आंच पर रखते ही झाग बनने लगे तो उसका इस्तेमाल न करें। ये एडल्ट्रेटेड ऑयल होते हैं, जो शरीर के लिए हानिकारक होते हैं।
सभी तेल एक समान नहीं होते। कुछ तेल बहुत ज्यादा तापमान पर गर्म होते हैं जैसे- सोयाबीन, राइस ब्रैन, सरसों, मूंगफली, कैनोला और तिल का तेल।