बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन ने सरोगेसी से मां बनने पर सवाल उठाकर एक नया विवाद पैदा कर दिया है। लेखिका ने सेरोगेसी के जरिए मां बनने वाली उन महिलाओं की आलोचना की हैं या यूं कहें कि उनकी भावनाओं पर सवाल उठाए हैं। यह विषय आज के समाज का सबसे बड़ा मुद्दा है। क्याेंकि
जीवन में सफलता और केरियर की भागदौड़ में महिलाएं बच्चा पैदा करने से बच रही हैं।
नसरीन का ट्वीट
लेखिका तसलीमा नसरीन ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर सवाल पूछा कि, क्या सेरोगेसी के माध्यम से रेडीमेड बच्चे पाने वाली माताओं में बच्चों को जन्म देने वाली मांओं की तरह ही भावनाएं होती हैं? देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा और उनके पति निक सेरोगेसी के जरिए पेरेंट्स
बता दें, अभी हालही में बॉलीवुड की देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा और उनके पति निक जोनस शादी के 3 साल बाद सेरोगेसी का सहारा लेकर पेरेंट्स बने हैं। उन्होंने अपने घर आने वाली इस खुशी को सोशल मीडिया में अपने फैंस के साथ सांझा किया हैं। मगर ये खबर सुनते ही उनके फैंस भी हैरान रह गए। जहां कुछ लोग उनको माता-पिता बनने पर बधाई दे रहे हैं। वहीं कुछ उनको सेरोगेसी प्रोसेस के जरिए मां-बाप बनने पर ट्रोल भी कर रहे हैं। ऐसे में इस बीच नसरीन का ट्वीट भी लोग प्रियंका चोपड़ा के साथ जोड़ रहे हैं। मगर आपको यहां बता दें, कि लेखिका ने अपने ट्वीट में प्रियंका-निक का नाम नहीं लिया है।
How do those mothers feel when they get their readymade babies through surrogacy? Do they have the same feelings for the babies like the mothers who give birth to the babies?
— taslima nasreen (@taslimanasreen) January 22, 2022
गरीब महिलाओं के कारण सेरोगेसी होना संभव
अपने एक ट्वीट के बाद नसीन ने एक और ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि, "गरीब महिलाओं के कारण सेरोगेसी से मां बनने का ये तरीका संभव हो गया है। अमीर लोग हमेशा से ही अपने स्वार्थ के लिए समाज में गरीबी देखना चाहते हैं।" उन्होंने आगे लिखा कि अगर किसी परिवार को बच्चा चाहिए व पालना है तो किसी बेघर को गोद लें। अगर हम सोचे कि बच्चों को आपके गुण विरासत में मिलने चाहिए तो सिर्फ एक स्वार्थी सोच मानी जाएगी।
Surrogacy is possible because there are poor women. Rich people always want the existence of poverty in the society for their own interests. If you badly need to raise a child, adopt a homeless one. Children must inherit your traits---it is just a selfish narcissistic ego.
— taslima nasreen (@taslimanasreen) January 22, 2022
सेरोगेसी के जरिए पेरेंट्स बनना गलत
लोगों का मानना है कुछ महिलाएं फिगर को बरकरार रखने के लिए बच्चे पैदा करने से हिचकिचाते हैं। ऐसे में जरूरी नहीं कि वे बच्चे से भावात्मक तौर पर सही से जुड़ पाए।
लोग दे रहे साथ
इस ट्वीट के तेजी से वायरल होने पर लोग भी अपनी राय रख रहे हैं। इसपर कई लोगों का कहना है कि हर किसी की अपनी-अपनी पसंद होती है। इसलिए उन्हें अपने मर्जी के फैसले लेना का पूरा अधिकार है। इसके साथ ही कुछ महिलाओं ने ट्रोलर्स से सवाल किए कि,"जब तक वह खुश है, हम न्याय करने वाले कोई नहीं हैं। यह उनका अपना निर्णय है। आप अपनी जिंदगी खुद जिएं और फैसला लें। दूसरों की जिंदगी में दखल देना बंद करो।"
एक यूजर ने लिखा- "समाज सिर्फ माताओं को शर्मिंदा करना ही जानता है। अगर महिलाएं सी-सेक्शन से बेबी को जन्म दे तो वे कमजोर हैं। अगर शिशु को फॉर्मूला दूध पिलाएं तो मांओं को उनकी परवाह नहीं है। मानो जैसे मातृत्व की खुशियां केवल मानसिक और शारीरिक पीड़ा से ही दिखाई देती हो। इसलिए आप हमेशा वहीं करें जो आपके और आपके बच्चे के लिए अच्छा हो। जो आपको और आपके शरीर को पंसद हो। वहीं कई यूजर्स का इस पर कहना है कि कई बार कुछ लोग किसी मेडिकल कंडीशन के कारण बच्चे पैदा नहीं कर पाते हैं। ऐसी परिस्थिति में वे सेरोगेसी का रास्ता चुनना सही मानते हैं, जिसमें कोई बुराई नहीं मानी जा सकती है।
अन्य कई सेलिब्रिटी ने लिया सेरोगेसी का सहारा
बता दें, प्रियंका चोपड़ा सेरोगेसी से बच्चा पैदा करने वाली पहली महिला नहीं हैं। इससे पहले 2018 में किम कार्दशियन ने सेरोगेसी के जरिए अपने तीसरे बच्चे का स्वागत किया। बॉलीवुड किंग खान शाहरुख खान ने भी 2013 में इसी माध्यम से बेटे अबराम का दुनिया में स्वागत किया। किरण राव और आमिर खान ने भी सरोगेट के जरिए बेटे को जन्म दिया। इसतरह कई और सेलिब्रिटी ने भी सेरोगेसी का रास्ता चुनकर बच्चे पैदा किए है।
सेरोगेसी के जरिए बच्चा पैदा करने पर मां पर सवाल उठाना गलत
ऐसे में कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई महिला किस तरह अपना बच्चा पैदा कर रही हैं। उसे अपनी जिंदगी जीने व फैमिली के साथ खुश रहने का पूरा हक है। ऐसे में हम किसी औरत के मातृत्व पर सवाल नहीं उठा सकते हैं।
महिलाओं को जज करना बंद करें
दूसरी और बच्चे की परवरिश करने का कोई खास नियम नहीं हैं। ऐसे में हम किसी की परवरिश पर किसी भी तरह का सवाल नहीं उठा सकते हैं। बच्चे को किस तरह पालना हैं? उन्हें क्या खिलाना हैं? कब और क्या कहना हैं आदि पर एक मां का पूरा हक है। फिर चाहे उनसे बच्चा खुद पैदा किया हो या सेरोगेसी की मदद से। ऐसे में अब समय आ गया है कि इस विडंबनापूर्ण बातों को भूलकर महिलाओं को उनका पूरा हक दिया जाएं।