बड़े- बुजुर्गों ने यूं ही नहीं कहा कि बच्चों को पालना कोई खेल नहीं है। जन्म के बाद से ही पेरेंट्स के लिए एक कठिन दौर शुरू हो जाता है। छोटा बच्चे बेहद ही नाजुक होता है और उनकी इम्यूनिटी भी वीक होती है, इसलिए इन्हें बेहद ही संभाल कर रखना होता है, वरना वो बीमार पड़ जाते है। वहीं बच्चा रोता भी बहुत हैं और पैरेंट्स उन्हें चुप कराने के लिए तरह- तरह के पैंतरे करते हैं। जैसे उनको लेकर टहलना, लोरी गाना, लो साउंड पर म्यूजिक थैरेपी जैसे बहुत कुछ, लेकिन अगर इसके बाद भी बच्चा रोना बंद न करें तो फिर डॉक्टर को दिखाने की सलाह दी जाती है। दरअसल, जब बच्चा जोर- जोर से रोता है तो उसे मेडिकल भाषा में पर्पल क्राइंग कहते हैं। इसलिए बच्चे के रोने के हल्के में न लें। आइए आपको बताते हैं क्या है पर्पल क्राइंग, इसके लक्षण और इलाज...
क्या है पर्पल क्राइंग
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बच्चे का हद से ज्यादा रोना पर्पल क्राइंग या कोलिक होती है। अगर बच्चा शारीरिक तौर पर हेल्दी है लेकिन फिर भी बार- बार रोता है तो ये पर्पल क्राइंग का मुख्य लक्षण है। इसके अलावा ये लक्षण भी इसी ओर इशारा करते हैं...
- ठीक से दूध न पीना।
- मुट्ठी को जकड़कर रखना।
-सही तरीके से दूध न पीना।
- दूध पीने के बाद उसे मुंह से बाहर निकलना।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि पर्पल क्राइंग की समस्या बच्चे के जन्म के दूसरे हफ्ते से शुरू होकर 3-4 महीने तक चलती है। वहीं कुछ बच्चों में तो ये लक्षण के साथ ही शुरू होते हैं और 6 महीने तक चलते रहते हैं।
पर्पल क्राइंग होने पर करें ये उपाय
बच्चों का रोना वैसे आम बात है तो पर्पल क्राइंग होने पर परेशान होने की जरूरत नहीं है। बस इन घरेलू नुस्खों की मदद से भी शिशु की पर्पल क्राइंग ठीक हो सकती है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में...
गर्म पानी से सिकाई
बच्चे के पेट में गैस बहुत बनती है और इससे वो असहज होकर रोता है। इसलिए बच्चे के जन्म के दूसरे या तीसरे सप्ताह के बाद शिशु की गर्म पानी से सिकाई करें। इससे उसको पेट में बनने वाली गैस से राहत मिलेगी। आप चाहें तो 1 से डेढ़ जग गर्म पानी से शिशु को नहला सकते हैं।
मालिश करें
बच्चे की तेल से मालिश करना तो भारतीय परंपरा का एक अहम हिस्सा है। इससे पर्पल क्राइंग से भी निजात मिलती है। हर दिन हल्के गुनगुने तेल से बच्चे के पैर, हाथ और पीठ की मालिश करें।
पेट के बल लिटाएं
बच्चे को पेट के बाल लेटने से भी उन्हें पर्पल क्राइंग के लक्षणों से आराम मिलता है। आप कोई भी हल्का तकिया लगाकर बच्चे को पेट के बल लिटा सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे के पेट में दर्द और गैस की समस्या होगी तो वो ठीक हो जाएगी।