नाभि शरीर का वो मुख्य केंद्र है, जो आंतों, अग्न्याशय, पित्ताशय और यकृत से जुड़ा है। अक्सर लोग नहाते समय नाभि की सफाई करना जरूरी नहीं समझते, जिससे धीरे-धीरे वहां बैक्टीरिया जमा होने लगते हैं जो इंफेक्शन का कारण बनते हैं। अगर समय रहते इसे कंट्रोल ना किया जाए तो यह मामूली समस्या गंभीर रूप भी ले सकती हैं। चलिए आज हम आपको बताते हैं नाभि में इंफेक्शन का कारण , लक्षण और इलाज
नाभि संक्रमण क्या है?
गंदगी, बैक्टीरिया, कवक, फंगस और कीटाणु नाभि के अंदर फंस जाते हैं और बढ़ना शुरू कर देते हैं, जिससे संक्रमण हो सकता है। इसे ही Belly Button Infection कहा जाता है। वहीं, सर्जरी, सिस्ट या इंफेक्शन के कारण नाभि से से सफेद, पीले, भूरे या खूनी डिस्चार्ज भी हो सकता है।
नाभि में इंफेक्शन के कारण
बेली बटन इंफेक्शन बैक्टीरिया और फंगल ग्रोथ के कारण हो सकता है। इसके अलावा यीस्ट इंफेक्शन, घाव या किसी चोट और स्वच्छता का ध्यान ना रखने की वजह से भी इंफेक्शन हो सकता है।
किन लोगों को अधिक खतरा?
मधुमेह से पीड़ित लोगों को भी नाभि संक्रमण होने का अधिक खतरा होता है क्योंकि रक्त शर्करा का उच्च स्तर फंगल और बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है।
नाभि संक्रमण के लक्षण
. नाबि में दर्द, सूजन, चकत्ते, लालपन
. आसपास के एरिया में ड्राईनेस
. नाभि की त्वचा पर पपड़ी बनना
. बदबू आना या सिस्ट बनना
. नाभि क्षेत्र में दर्द
. त्वचा गर्म हो जाती है
. नाभि में खुजली या झुनझुनी
. नाभि से हरा, पीला या भूरा डिस्चार्ज
. मतली और चक्कर आना
. बेली बटन ब्लीडिंग
अगर नाभि धोने के बाद डिस्चार्ज और पपड़ी जम जाती है, तो आपको अपने डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
कुछ कारक नाभि संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ा सकते हैं। उनमे शामिल है...
. बेली बटन पियर्सिंग इंफेक्शन
. खराब स्वच्छता
. मोटापा
. नाभि को बार-बार छूना
. पेट की सर्जरी
. नाभि के पास घाव या चोट
. गलत कपड़ों का चुनाव
. गर्भावस्था
बैली बटन इंफेक्शन को दूर करने के लिए आप कुछ घरेलू नुस्खे अजमा सकते हैं...
नारियल तेल
उंगलियों पर थोड़ा-सा नारियल का तेल लेकर नाभि पर लगाएं। ऐसा रोजाना कई बार करने से इंफेक्शन दूर होगा।
नमक का पानी
एक कप गर्म पानी में 1 चम्मच नमक मिलाकर इसकी कुछ बूदें नाभि में डालें। नमक में रोगाणुरोधी और इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो के साथ-साथ नाभि में खुजली और सूजन से निपटने में मदद कर सकता है।
टी ट्री ऑयल
एक चम्मच नारियल तेल में टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें मिलाकर नाभि पर लगाएं और 15 से 20 मिनट तक रहने दें। फिर इसे साफ़ करो। ऐसा रोजाना 2 से 3 बार करें। ये रोगाणुओं को मारने और खुजली, सूजन और दर्द से राहत दिलाने में मददगार हैं।
पेपरमिंट तेल
पुदीने और नारियल तेल को मिलाकर नाभि पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर इसे इसे टिशू से पोंछ लें। ऐसा दिन में 2 से 3 बार करें। इसमें रोगाणुरोधी गुण होते हैं जो नाभि संक्रमण से राहत दिलाते हैं।
एलोवेरा जेल
एलोवेरा जेल को सीधे प्रभावित जगह पर लगाएं और 15 -20 मिनट बाद पानी से धो लें। ऐसा रोजाना 2 से 3 बार करें।
हल्दी
नाभि के संक्रमण के इलाज के लिए हल्दी सबसे अच्छे उपचारों में से एक है। इसमें करक्यूमिन होता है जो संक्रमण के साथ सूजन, खुजली को कम करता है। 1 चम्मच हल्दी में पर्याप्त पानी मिलाकर नाभि पर लगाएं। इसे सूखने दें और फिर पानी से धो लें।
नीम
मुठ्ठीभर नीम की पत्तियों को पानी के साथ पीसकर चिकना पेस्ट बनाएं। इसमें एक चुटकी हल्दी मिलाकर नाभि पर लगाएं और इसे 15 से 20 मिनट तक छोड़ दें। फिर इसे पानी से धो लें।