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डांस करते बाहर निकला महिला का यूट्रस, ऐसी औरतें रहें सतर्क

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 09 May, 2019 02:51 PM
डांस करते बाहर निकला महिला का यूट्रस, ऐसी औरतें रहें सतर्क

महिलाओं को अक्सर गर्भाशय से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी महिला का यूट्रस अचानक गिर गया हो। दरअसल, हाल ही में चीन की एक 60 साल की औरत डांस कर रही थी कि तभी उसकी वैजाइना के रास्ते मांस का एक टुकड़ा गिरा। पहले महिला को लगा कि शायद ज्यादा नाचने के कारण उसकी कोख गिर गई है लेकिन जब वो डॉक्टर के पास गई तो पता चला कि वह यूटेरिन प्रोलैप्स नामक बीमारी का शिकार है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है यह बीमारी, इसके लक्षण और इलाज।

 

तो आखिर क्या होता है यूटेरिन प्रोलैप्स...

दरअसल, गर्भाशय मांसपेशियों की मदद से अपनी जगह पर टिका होता है। मगर ज्यादा खिंचने के कारण मांसपेशियां कमजोर हो जाती है और गर्भाशय को पकड़कर नहीं रखी पाती, जिसके कारण वह अपनी जगह से हटकर खिसक जाता है और योनि के रास्ते बाहर आ जाता है, जिसे यूटेरिन प्रोलैप्स कहा जाता है।

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डॉक्टरों को शक था कि महिला ने काफी कम उम्र में एक बच्चे को जन्म दिया था और शायद पैदा होने पर बच्चे का साइज भी बड़ा हो। इस समय महिला को प्रोलप्स की दिक्कत हुई होगी लेकिन उसने इलाज नहीं करवाया। गर्भाशय पहले ही खिसकर नीचे आ गया था लेकिन महिला को कभी महसूस नहीं हुआ। हालांकि इसके बाद महिला की सर्जरी की गई, और अब वो धीरे-धीरे ठीक हो रही है।

 

यूटेरिन प्रोलैप्स के लक्षण

अगर गर्भाशय अपनी जगह से बस थोड़ा सा ही खिसका है तो कोई लक्षण पता नहीं चलता लेकिन अगर कंडीशन सीवियर है, यानी गर्भाशय ज्यादा खिसक गया है तो ये लक्षण पता चलते हैं-

-योनि में भारीपन या खिंचाव महसूस होना
-वैजाइना से खून आना
-वैजाइना से सफेद रंग का डिस्चार्ज होना
-संबंध बनाने में दिक्कत
-यूट्रस वैजाइना से थोड़ा बहार निकलता हुआ महसूस होना
-पेट के निचले हिस्से में बहुत कसाव
-कब्ज या मल त्यागने में दिक्कत
-यूरिन पास करते समय दर्द व परेशानी
-चलने में दिक्कत होना
-नीचे के हिस्से में भारीपन महसूस होना

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किन वजहों से होता है यूटेरिन प्रोलैप्स?

बढ़ती उम्र के साथ-साथ यूटेरिन प्रोलेप्स का खतरा भी बढ़ जाता है। दरअसल, महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन नामक हार्मोन बनता है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ इसका बनना कम हो जाता है। इसके कारण गर्भाशय को पकड़े रहने वाली मांसपेशियां (पेल्विक मसल्स) कमजोर हो जाती है और यूट्रस अपनी जगह से खिसक जाता है।

प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के वक्त मांसपेशियां कमजोर हो जाती है, जिसकी वजह से महिलाओं को प्रोलैप्स हो जाती है। हालांकि जिन महिलाओं की एक से ज्यादा नॉर्मल डिलीवरी हुई हो या जिनको मेनोपॉज हो चुकी है, उनमें इसका खतरा अधिक होता है। कोई भी ऐसी चीज जो इन मांसपेशियों पर जोर डाले, यूटेरिन प्रोलैप्स का खतरा बढ़ा सकती है।

इसके अलावा कई और कारण है जोकि यूटेरिन प्रोलैप्स का खतरा बढ़ाते हैं जैसे कि ओवरवेट होना लगातार खांसी और ज्यादा कब्ज की समस्या रहने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।

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क्या है इलाज?

अगर प्रोलैप्स ज्यादा सीवियर यानि गर्भाशय वैजाइना के पास आ चुका है तो ऐसी स्थिति में सर्जरी ही की जाएगी। हालांकि हर केस में ऐसा जरूरी नहीं होता। अगर गर्भाशय अपनी जगह से ज्यादा नहीं खिसका है तो डॉक्टर आपको वजन घटाने और इसके लक्षणों को काबू करने के लिए कहेंगे, ताकि मांसपेशियों पर ज्यादा जोर ना पड़े। साथ ही इसके लिए भारी सामान ना उठाएं और कुछ एक्सरसाइज भी करें।

कैसे बच सकती हैं यूट्रीन प्रोलैप्स से?

गलत लाइफस्टाइल इसका सबसे मुख्य कारण है ऐसे में आप अपनी रूटीन में कुछ बदलाव करके प्रोलैप्स के रिस्क को कम कर सकती हैं।

- रोजाना कम से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज जरूर करें।
- वजन को कंट्रोल में रखें।
-डिलीवरी के बाद ज्यादा भारी सामान ना उठाएं।
-वैजाइना की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए व्यायाम करें।
-लंबे वक्त से खांसी है तो उसका इलाज करवाएं।

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