कोरोना वायरस ने दुनियाभर में ही तबाही मचा रखी है। चीन के वुहान से फैले इस वायरस को करीब 6 महीने हो चुके हैं लेकिन अभी भी यह थमने का नाम नहीं ले रहा। शुरूआत में कहा जा रहा था कि चीन की एक लैब में जैव हथियार बनाने की कोशिश की जा रही थी, जिसके कारण इस वायरस ने जन्म लिया। हालांकि समय के साथ इन खबरों पर पर्दा पड़ता नजर आया। मगर, अब चीन से भागी एक महिला वैज्ञानिक का दावा कि यह वायरस चीन की लैब से ही निकला है।
चीन की लैब से बना कोरोना वायरस
दरअसल, कुछ लोग पेंगोलिन तो कुछ चमगादड़ को कोरोना वायरस का जिम्मेदार मानते हैं। मगर, हॉगकॉग की चाइनीज वायरोलॉजिस्ट (Chinese virologist) डॉ ली मेंग यान (Dr. Li-Meng Yan) का दावा है कि कोरोना चीन के मिलिट्री लैब से ही निकला है। वह काफी समय से हॉगकॉग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के साथ मिलकर कोरोना पर शोध कर रही हैं। इसी दौरान उन्हें कुछ ऐसे तथ्यों का पता चला, जिसकी वजह से चीन एक बार फिर जुनिया के निशाने पर आ गया।
हॉगकॉग से भागकर अमेरिका पहुंची डॉ. याग
बता दें कि डॉ यान हॉगकॉग से भागकर अमेरिका पहुंची है। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी जब फैली तब उन्होंने पाया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की एक सैन्य प्रयोगशाला से ही यह वायरस आया है। चीन इस बात को छिपाने के लिए कहानी बना रहा है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी लेकिन किसी ने भी इस बात को गंभीरता से नहीं लिया।
स्मोक स्क्रीन है चीन की मीट मार्केट
डॉ. यान ने कहा है कि चीन वुहान की मीट मार्केट एक स्मोक स्क्रीन है। यह वायरस प्रकृति या मार्केट की देन नहीं है। चीनी अधिकारियों को पता था कि SARS CoV-2 एक उच्च उत्परिवर्ती वायरस है, जो पर्सन टू पर्सन फैलता है।
चीन ने मानने से किया इंकार
खबरों की मानें तो उन्हें चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत खुद की गिरफ्तारी का डर था इसलिए वह अमेरिका चली गई। डॉ. यान पुख्ता सबूत होने का दावा भी है, जिससे ये साबित हो सकता है कि वायरस चीन की लैब में ही बनाया गया है। हालांकि चीन डॉ. यान के इस दावे को मानने से इंकार कर रहा है।