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Vaishno Devi की इस गुफा से गुजरने वालों को स्वयं मां गंगा देती हैं आशीर्वाद, सौभाग्य से ही मिलता है प्रवेश

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 16 Mar, 2023 05:22 PM
Vaishno Devi की इस गुफा से गुजरने वालों को स्वयं मां गंगा देती हैं आशीर्वाद, सौभाग्य से ही मिलता है प्रवेश

भारत में हर साल लाखों लोग तीर्थ यात्रा करते हैं। इनमें से एक है माता वैष्णो देवी का मंदिर, पहाड़ों पर स्थिति इस मंदिर की यात्रा बहुत ही मुश्किल मानी जाती है। अगर आप भी वैष्णु देवी के मंदिर कभी गए होंगे तो आपको पता होगा कि त्रिकुट पर्वत पर स्थिति इस प्राचीन गुफा के दर्शन के बिना वैष्णो देवी के यात्रा अधुरी है। यह गुफा बहुत ही अलौकिक है और यहां तक पहुचंने के लिए 13 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है। अगर आप पहली दफा माता का दर्शन करने जा रहे हैं तो आपको पता होना चाहिए ये प्राचीन गुफ कब और कितन बजे खुलती है, क्योंकि इसमें प्रवेश का मौका सौभग्य से ही मिलता है। तो आइए जानते हैं इसके बारे में....

मुश्किल है गुफा था पहुंचाना का रास्ता

इस गुफा तक पहुंचना का रास्ता बहुत कठिन है, इसलिए वर्तमान में दर्शन के लिए जिस रास्ते का प्रयोग हो रहा है, वह प्राकृतिक रास्ता नहीं है। दिन ब दिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए आर्टिफिशियल रुट बनाया गया है। इस रास्ते का निर्माण 1977 में किया गया था। वर्तमान में इसी रास्ते से श्रद्धालु दरबार में प्रवेश करते हैं। 

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सौभाग्य से ही मिलता है गुफा में प्रवेश

बता दें कि बहुत कम लोगों को प्राचीन गुफा से माता के दरबार में जाने का सौभाग्य मिलता है। 10 हजार से कम श्रद्धालु  होने पर ही इस गुफा का द्वार खोला जाता है। आमतौर पर ऐसा दिसबंर और जनवरी के महीने में होता है क्योंकि उस वक्त बर्फबारी के बीच बहुत ही कम लोग  वैष्णु देवी के मंदिर दर्शन करना पहुंच पाते हैं। वहीं मार्च में ये होली के पहले तक खुली रहती है।

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गुफा का महत्व

माता वैष्णो देवी के दरबार में इस प्राचीन गुफा का बहुत महत्व है। ज्यादातर लोगों की इच्छा होती है कि वो इस गुफा के रास्ते से ही माता के दरवार में प्रवेश करें। दरअसल, ये वही गुफा है जहां पर भैरों बाबा को अपने त्रिशुल से मारा था, उनका कटा हुआ सिर भैरों घाटी में जा गिरा था और शरीर यहीं पर रह गया था। इस वजह से जिसे इस गुफा में जाने का मौका मिलता है वो खुद को भाग्यशाली समझते हैं।

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गंगाजल होता है प्रवाहित

एक और वजह से इस गुफा के महत्व का। कहा जाता है कि इस गुफा से गंगाजल प्रवाहित होता है, तो जो इस गुफा में घुसता है वो गंगा जल से पवित्र होकर माता के दरबार में हाजरी लगता है।

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गुफा खुलने का समय

इस गुफा में प्रवेश का भी वक्त है। सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक और फिर रात 10:30 बजे से सुबह 5 बजे तक।हालांकि बड़ा संख्या में श्रद्धालु  होने पर गुफा बंद रहती है। 2024 में अगर आप इस गुफा में प्रवेश करने का सौभाग्य चाहते हैं तो जनवरी या फरवरी तक माता के दर्शन करने जाएं।

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