नारी डेस्क: बहुत से लोग सर्दी, जुकाम या शरीर में दर्द होने पर बिना ज्यादा सोचे पेरासिटामोल की गोली ले लेते हैं। यह दवा आसानी से उपलब्ध है और इसके अलग-अलग ब्रांड्स भी बाजार में हैं। इन ब्रांड्स में से एक सबसे लोकप्रिय नाम है डोलो 650 (Dolo 650), जिसे हाल के कुछ सालों में खूब खरीदा गया है। खासकर बुखार के हल्के लक्षणों में भी लोग इस दवा को लेने लगते हैं। यह एक ऐसा ट्रेंड बन चुका है जिसे लोग बिना सोचे-समझे अपनाने लगे हैं।
सोशल मीडिया पर चर्चा
गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेल्थ एजुकेटर पलानीप्पन मनिकम ने इस पर एक पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लिखा कि, "भारतीय डोलो 650 को कैडबरी जेम्स की तरह लिया जाता है।" यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर चर्चा का कारण बन गई है, क्योंकि यह दर्शाता है कि लोग डोलो 650 को एक सामान्य दवा की तरह बिना किसी गंभीरता के इस्तेमाल कर रहे हैं।
कितनी खतरनाक है डोलो 650?
इसे सिरदर्द, थकान या तनाव के लिए भी डॉक्टर की सलाह के बिना लिया जा रहा है। लेकिन पेरासिटामोल की ज्यादा मात्रा शरीर, खासकर लिवर पर बुरा असर डाल सकती है। एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में पैरासिटामोल के ओवरडोज की वजह से एक्यूट लिवर फेलियर और किडनी डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
डोलो 650 की सिफारिश और उपयोग
डोलो-650 को आमतौर पर भारत में डॉक्टर बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द और हल्के दर्द के मामलों में प्रिस्क्राइब करते हैं। जब इसे डॉक्टर की सलाह से लिया जाता है तो यह प्रभावी और सुरक्षित साबित होता है। लेकिन, किसी भी दवा की तरह, इसका अत्यधिक या गलत तरीके से उपयोग हानिकारक हो सकता है, खासकर लीवर के लिए। इसलिए यह जरूरी है कि हम हमेशा मेडिकल एडवाइज के अनुसार दवा लें और रिकमंडेड डोज का पालन करें।
COVID-19 महामारी में डोलो 650 की बढ़ती मांग
COVID-19 महामारी के दौरान डोलो 650 की मांग में बहुत बढ़ोतरी देखी गई। जब लोगों को टीकाकरण के बाद साइड इफेक्ट्स को कम करने के लिए पेरासिटामोल लेने की सलाह दी गई, तब इस दवा की बिक्री में भारी उछाल आया। खासकर, बुखार और शरीर के दर्द के लिए लोग इसे एक सामान्य उपचार मानने लगे थे।

कितनी खतरनाक है डोलो 650?
डॉक्टरों का कहना है कि डोलो-650 का इस्तेमाल अब लोग कैंडी की तरह कर रहे हैं। इसे सिरदर्द, थकान या तनाव के लिए भी डॉक्टर की सलाह के बिना लिया जा रहा है। लेकिन पेरासिटामोल की ज्यादा मात्रा शरीर, खासकर लिवर पर बुरा असर डाल सकती है। एक मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया भर में पैरासिटामोल के ओवरडोज की वजह से एक्यूट लिवर फेलियर और किडनी डिजीज के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
डोलो 650 की बिक्री में भारी वृद्धि
2020 में COVID-19 के प्रकोप के बाद से डोलो-650 की बिक्री में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी गई। फोर्ब्स के अनुसार, माइक्रो लैब्स ने 2020 से अब तक 350 करोड़ से अधिक डोलो-650 गोलियां बेची हैं, जिससे एक साल में 400 करोड़ रुपये का राजस्व हुआ है। पहले, माइक्रो लैब्स सालाना लगभग 7.5 करोड़ स्ट्रिप्स बेचते थे, लेकिन महामारी के बाद यह संख्या बढ़कर 14.5 करोड़ स्ट्रिप्स तक पहुँच गई, जो कि 2019 के मुकाबले लगभग दोगुना है।
डोलो 650 की बढ़ती बिक्री और लोकप्रियता इस बात का संकेत है कि लोग स्वास्थ्य समस्याओं के लिए इस दवा का इस्तेमाल करने में सहज महसूस कर रहे हैं। हालांकि, यह जरूरी है कि इसका उपयोग सही तरीके से किया जाए और डॉक्टर की सलाह के बिना इसे अत्यधिक न लिया जाए, खासकर लीवर पर इसके संभावित दुष्प्रभावों को ध्यान में रखते हुए।