छोटे बच्चे बेहद ही प्यारे होते हैं। पैरेंट्स भी ममता में आकर उनकी हर मांग को पूरा करते हैं और उनके सारे नखरे उठाते हैं। शुरू में ये तो सब अच्छा लगता है, लेकिन बाद में ये ही बच्चों की आदत बिगड़ सकता है। जी हां, कुछ बच्चे ज्यादा लाड़- प्यार से बेहद जिद्दी हो जाते हैं। वो बिगडेल बच्चों सा बर्ताव करते हैं और अपनी मनमानी चलते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को गुस्सा तो बहुत आता है पर वो कुछ कर नहीं सकते हैं। सुधारने में चक्कर में बच्चे पर चिल्लाना या मार-पीट करना सही नहीं है। आप इन 5 टिप्स से बच्चे को हैंडल कर सकते हैं...
बहस न करें
जिद्दी बच्चे हमेशा किसी भी बहस का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं। इसलिए, उन्हें यह मौका ना दें। इसके बजाए, बच्चे की बात को सुनें और फिर उन्हें अपनी भावनाएं समझाएं। बातचीत करके इसका हल ढूंढे।
ऑप्शन दें
किसी भी जिद्दी बच्चे को ये बताने से कि उसे क्या करना चाहिए, वो भड़क सकता है। ऐसे में उन्हें चुनने का ऑप्शन दें क्योंकि उन्हें ऐसा महसूस होगा जैसे उनका अपनी जीवन पर नियंत्रण है और वे स्वतंत्र रूप से निर्णय ले सकते हैं कि वे क्या करना चाहते हैं।
कनेक्शन बनाएं
जिद्दी बच्चे को कुछ उनके बिना मन के करने को मजबूर न करें। ये सिर्फ उन्हें और उकसा सकता है और वो जिद में उल्टा काम करेंगे। जैसे कि अगर आप चाहते हैं कि बच्चा टेलीविजन देखना बंद कर दे और उसके बजाए होमवर्क करे तो पहले तो उसके साथ कुछ देर टीवी देखें। इसके कुछ देर बाद ही आप उन्हें होमवर्क करने को करेंगे। धैर्य आपको रखना पड़ेगा, आप जिद करेंगे तो बच्चा और ज्यादा जिद करेगा।
नेगोशिएट करें
बच्चे जब कुछ मांगते हैं तो आप उन्हें सीधा मना न करें। वो इस बात को एक्सेप्ट नहीं कर पाते हैं और ज्यादा जिद करते हैं। इसलिए अपने बच्चे से नेगोशिएट करने की कोशिश करें। जैसे, अगर आपका बच्चा सोते वक्त 2 कहानियों को सुनने की जिद्द करता है तो, उनसे बातचीत करें अपनी बात को उनपर थोपने की जगह उनसे कहें कि आज रात के लिए एक कहानी और कल के लिए एक कहानी चुने।
बच्चों को रिस्पेक्ट दें
अगर आप अपने बच्चे की बात की इज्जत लोगों के सामने नहीं करते हैं तो इससे उसके मन पर गलत प्रभाव पड़ता है। छोटी उम्र में ये बातें गहरा असर कर सकती है। इसलिए कोशिश करें अपने बच्चे की बातों का सम्मान करने की और उससे सम्मानपूर्वक बात करने की।