मां दुनिया का सबसे प्यारा और अनमोल रिश्ता है। मां के साथ-साथ पिता भी खास अहमियत रखते हैं। मगर कहीं न कहीं बच्चे खुद को मां के ज्यादा करीब समझते हैं। मां को अगर भगवान का दर्जा भी दे दिया जाए तो यह कहना गलत नहीं होगा। मगर आज बदलते लाइफस्टाइल के चलते बच्चे अपने कामकाज में इतने बिजी हो गए हैं कि मां-बाप के लिए उनके पास ज्यादा वक्त नहीं होता।
एक शायर ने मां के लिए खूब लिखा है ... 'एक मुद्दत से नहीं सोई मेरी मां, मैंने एक बार कहा था मुझे डर लग रहा है'।
एक मां ही है जो सुबह से लेकर रात सोने तक हमारी हर ख्वाहिश का ख्याल रखती है। यहां तक कि यदि हम कभी बीमार भी पड़ जाएं तो रात को उठ-उठकर हमारा ध्यान रखती है। पिता भी हमारे लिए उतने ही चिंतित होते हैं, मगर फर्क बस इतना है कि वह देखने में ऊपर से सख्त मगर दिल से बहुत ही नर्म स्वभाव के होते हैं।
मां-बाप की डांट का न माने बुरा
अक्सर बच्चे जब बड़े हो जाते हैं तो मां-बाप की डांट उन्हें बेइज्जती महसूस होने लगती है। मगर आप चाहें जितने मर्जी बड़े हो जाएं, मां-बाप हमेशा आपको आपकी भलाई के लिए ही डांटते हैं। ऐसे में कभी भी उनकी डांट का आपको बुरा नहीं मानना चाहिए।
विदेश में रहने वाले बच्चे यूं रहें मां-बाप के करीब
आजकल ज्यादातर युवा विदेश में सैटल होना पसंद करते हैं। मां-बाप बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उन्हें खुद से दूर भेज तो देते हैं, मगर कहीं न कहीं खुद अकेलेपन का शिकार बन जाते हैं। मगर आज के Technical युग के चलते आप बहुत आसानी से मां-बाप के करीब रह सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे...
- काम पर जाते वक्त या फिर वापिस आते वक्त फोन पर मां-बाप से जरुर बात करें। ऐसा करने से मां-बाप का अकेलापन काफी हद तक दूर होगा।
- उनके जन्म दिन या फिर किसी खास मौके पर उन्हें तोहफा जरुर भिजवाएं।
- रात को सोने से पहले एक बार उनसे बात जरुर करें, इससे वो जरुर चैन की नींद ले पाएंगे।
- अपनी कमाई का कुछ हिस्सा उन्हें जरुर भेजें, ऐसा करने से उन्हें अपनी परवरिश पर गर्व महसूस होगा।
यूं तो मां-बाप के बलिदानों को हम लफ्जों में बयान नहीं कर पाएंगे। मगर फिर भी आप उनकी छोटी-छोटी खुशियों का ध्यान रखकर उनका शुक्रिया अदा जरुर कर सकते हैं। ऐसा करने से मां-बाप की उम्र और बढ़ जाती है।
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