भाई-बहन के बीच बेहतर रिश्तों की नींव बचपन में पेरेंट्स सबसे पहले डालते हैं, लेकिन कई बार आपसी मतभेद और बात-बात पर तुलना किए जाने पर कई बार भाई-बहन एक दूसरे के प्रति नफरत और हिंसा का भाव पालने लगते हैं, जिससे जीवन में जहर घुल जाता है। रिसर्च में ये भी पाया गया है कि अगर बचपन में भाई-बहन के बीच रिश्ता बेहतर बनता है तो वो जीवनभर के लिए एक-दूसरे के करीब रहते हैं, लेकिन बचपन की खटपट पूरी जिंदगी की दूरियां भी ला सकती हैं। आज नेशनल सिबलिंग्स डे पर हम आपको बताते हैं कि कैसे पेरेंट्स भाई-बहन के साथ रिश्ता मजबूत कर सकते हैं....
बच्चों में तुलना ना करें
अगर आप अपने बच्चों के बीच बात-बात पर तुलना करते हैं और शिकायत करते रहते हैं तो इसका उनके रिलेशन पर दूरगामी असर पड़ सकता है। ऐसा करने से उनके बीच जीवन भर नफरत और आक्रोश का भाव पैदा हो सकता है।
झगड़ों को सुलझाएं
अगर किसी वजह से उनके बीच तनाव या झगड़ा हो गया है तो आप आराम से उनकी बातों को सुनें और उन्हें समझाने की कोशिश करें। ऐसी बातों को दूर रखें जिनकी वजह से बच्चों में आपस में झगड़ा बढ़ सकता है।
एक-दूसरे की पसंद-नापसंद को स्वीकारना सिखाएं
यह स्वाभाविक है कि सिबलिंग के बीच कई तरह का अंतर हो। जैसे की उनकी पसंद अलग हो, इनके बातचीत का तरीका, संगीत में उनकी रुचि, खेल-कूद आदि। ऐसे में आपस में झगड़ों का होना स्वाभाविक भी है। लेकिन आप उन्हें एक दूसरे की पसंद और नापसंद को स्वीकारना और उनकी इज्जत करना जरुर सिखाएं।
एक दूसरे की बात सुनना और समझना
कम उम्र से ही अगर बच्चे एक दूसरे की समस्याओं को सुनना और उनकी भावनाओं की कद्र करना सीखेंगे को उनके बीच का बॉडिंग जीवन भर के लिए बनी रहेगी। ऐसे में बच्चों को सिखाएँ कि वे जीवन भर साथ रहेंगे और उन्हें एक-दूसरे का परवाह करनी चाहिए।
सम्मान पूर्वक असहमत होना सिखाएं
यह स्वाभाविक है कि दो लोगों में मत का भेद हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि उनके बीच इसको लेकर झगड़े होते रहें। पैरेंट्स अपने बच्चों को जरुर सिखाएं कि अगर वो किसी भी बात पर असहमत हैं तो सम्मान के साथ अपनी असहमति दिखाएं।