छठ पूजा का व्रत शुरू हो चुका है। नहाय-खाय के बाद महिलाओं ने आज से व्रत आरंभ कर दिया है, जो कल खत्म होगा। छठ पूजा का उत्सव चार दिन तक चलता है, जो 8 नंवबर से लेकर 11 नंवबर तक चलेगा। छठ पूजा का व्रत महिलाओं के लिए करवाचौथ से भी कठिन होता है क्योंकि इसमें वो 36 घंटे तक उपवास करती हैं वो भी बिना खाना खाए-पिए। बिना खाए तो रहा जा सकता है लेकिन प्यास कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। हालांकि कुछ ट्रिक्स फॉलो करके आप प्यास को भी कंट्रोल कर सकती हैं। चलिए आपको बताते हैं कैसे?
शरीर का तामपान रखें नियंत्रित
ज्यादा प्यास ना लगे इसके लिए शरीर का तापमान कंट्रोल करें। व्रत के दौरान तेज धूप या ओवरहीटिंग वाली जगहों पर जाने से बचें। दरअसल, इसके कारण शरीर का पानी पसीने के रूप में बाहर आ जाता है, जिससे ज्यादा प्यास लगती है।
मुंह से ना लें सांस
मुंह से सांस लेते समय गला सूखने लगता है, जिससे ज्यादा प्यास लगती है। ऐसे में अगर आप निर्जला व्रत रखा है तो मुंह से सांस ना लें। इससे प्यास कंट्रोल में रहेगी।
बर्फ से करें सिकाई
प्यास को कंट्रोल करने के लिए कॉटन के कपड़े या टॉवल में बर्फ लपेटें। इससे करीब 2-3 मिनट तक गले और कलाई की सिकाई करें। यहां ऐसे प्वाइंट होते हैं, जहां बर्फ से सिंकाई करने पर रक्त नलिकाएं स्किन की सतह के पास आती है। इससे पूरे शरीर को ठंडक महसूस होती है और प्यास भी नहीं लगती।
शारीरिक कार्य करने से बचें
प्यास से बचना है तो छठ व्रत में ज्यादा शारीरिक कार्य ना करें और हैवी एक्सरसाइज करने से भी बचें। इससे गला भी नहीं सूखेगा।
रुम में ह्मूमिडिफायर का यूज
बहुत से लोग सोते समय नाक की बजाए मुंह से सांस लेते हैं लेकिन इससे गला सूखने लगता है। ऐसे में कमरे में ह्यूमिडिफायर (एयर प्योरिफायर) का यूज करें। ह्यूमिडिफायर हवा में नमी बनाए रखता है, जिससे मुंह सूखना बंद हो जाता है और सुबह प्यास भी नहीं लगती।
आराम से बात करें
छठ व्रत के दौरान किसी से ज्यादा चिल्लाकर या ऊंची आवाज में बात ना करें। इससे गला सूखता है और ज्यादा प्यास लगती है।