मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण मास का अलग ही उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां दूर- दूर से भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। इसी बीच एक ऐसा भक्त चर्चा में बना है जिसने भाेलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए अपना खून बहा दिया। यह नजारा देख वहां मौजूद पंडित और अन्य लोग हैरान रह गए।
दरअसल श्रावण के मौके पर भगवान शिव की विशेष पूजा और अभिषेक किया जाता है। ऐसे में उज्जैन के ढांचा भवन इलाके में रहने वाले रौनक गुर्जर ने जल और पंचामृत से नहीं बल्कि अपने रक्त से अभिषेक किया। हैरानी की बात यह है कि शिवमंदिर में 21 पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ यह अभिषेक करवाया।
रक्ताभिषेक करने वाला भक्त कुछ समय पहले ही अपनी जांघ की चमड़ी से अपनी मां के लिए चरण पादुकाएं बनवाकर चर्चा में आया था। इस भक्त ने बताया कि वह लंबे समय से भगवान श्री राम से प्रभावित होकर रामायण पढ़ रहा था। रामायण में उन्होंने रावण के शीश चढ़ाने के घटनाक्रम से प्रभावित होकर भगवान शिव को सावन के महीने में रक्त अभिषेक करने का मन बनाया।
इस पूरी घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें दिखाया गया कि रौनक ने रक्तदान करने वाली नली के माध्यम से रक्त निकाला। वहीं इस मामले में महाकाल मंदिर के पुरोहितों का कहना है कि वैदिक परंपरा के अनुसार भगवान शिव का सात्विक वस्तुओं (दूध, दही घी आदि) से अभिषेक किया जाता है लेकिन रक्त जैसी चीज तामसिक होती है इसलिए खून आदि से अभिषेक करना पूरी तरह गलत है।