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एक साथ ही हंसते और रोते हैं जुड़वा बच्चे, क्या आप भी करते है इस बात पर भरोसा?

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 18 Oct, 2024 04:45 PM
एक साथ ही हंसते और रोते हैं जुड़वा बच्चे, क्या आप भी करते है इस बात पर भरोसा?

नारी डेस्क: एक बच्चे के जन्म के बाद घर का माहौल ही बदल जाता है, ऐसे में अगर कहीं किसी महिला के जुड़वा बच्चे हो जाएं तो ये खुशी और बढ़ जाती है। हालांकि  हमारे देश में जुड़वा बच्चों को लेकर तमाम तरह के मिथ प्रचलित हैं,  जिस पर लोग विश्वाश भी कर लेते हैं। ऐसी  कई तरह के मिथक और धारणाएं प्रचलित हैं, जिनमें से कुछ वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं होतीं। आज हम आपको कुछ प्रमुख मिथक और उनके पीछे की सच्चाई बताने जा रहे हैं। 

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मिथक: जुड़वा बच्चे एक जैसे होते हैं

सभी जुड़वा बच्चे एक जैसे नहीं होते। जुड़वा बच्चों के दो प्रकार होते हैं:

आइडेंटिकल ट्विन्स (Identical Twins): ये बच्चे एक ही निषेचित अंडाणु से बनते हैं और एक ही जीनोम को साझा करते हैं, इसलिए ये बच्चे शारीरिक रूप से एक जैसे दिख सकते हैं।

फ्रैटरनल ट्विन्स (Fraternal Twins):  ये अलग-अलग अंडाणुओं और शुक्राणुओं से विकसित होते हैं, इसलिए इनका जीनोम अलग हो सकता है। ये एक सामान्य भाई-बहन की तरह होते हैं, और इनके बीच शारीरिक और व्यक्तिगत अंतर हो सकता है।

 

मिथक: जुड़वा बच्चों के पास टेलीपैथिक शक्तियां होती हैं

यह धारणा कि जुड़वा बच्चे एक-दूसरे की भावनाओं, विचारों, या घटनाओं को बिना बोले समझ सकते हैं, वैज्ञानिक आधार पर गलत है। हालांकि, जुड़वा बच्चों के बीच एक गहरा भावनात्मक और मानसिक संबंध हो सकता है, लेकिन इसे टेलीपैथी के रूप में नहीं देखा जा सकता। उनके जीवन के अनुभव और साथ बिताया समय उन्हें एक-दूसरे को बेहतर समझने में मदद कर सकता है।

 

मिथक: जुड़वा बच्चों का जीवन एक जैसा होता है

 जीवन के अनुभव, पर्यावरणीय कारक, और व्यक्तिगत निर्णय जुड़वा बच्चों के जीवन को अलग-अलग बना सकते हैं। भले ही वे शारीरिक रूप से एक जैसे हों, उनके करियर, पसंद-नापसंद, और व्यक्तित्व में बड़े अंतर हो सकते हैं।

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मिथक: जुड़वा बच्चों का जन्म केवल genetic होता है

आइडेंटिकल जुड़वा बच्चों का जन्म genetic नहीं होता, यह प्राकृतिक रूप से हो सकता है। हालांकि, फ्रैटरनल जुड़वा बच्चों का जन्म अनुवांशिक हो सकता है, और इसका संबंध मां की अंडाणु उत्पादन क्षमता से होता है। अगर किसी महिला के परिवार में जुड़वा बच्चे हैं, तो उसके जुड़वा बच्चे होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

मिथक: जुड़वा बच्चों को एक ही तरह से पालना चाहिए

 हर बच्चे की अपनी अलग-अलग जरूरतें और पसंद होती हैं, चाहे वे जुड़वा हों या नहीं। इसलिए उन्हें एक जैसे तरीके से पालना सही नहीं है। उनकी व्यक्तिगतताओं का सम्मान करना और उन्हें स्वतंत्र रूप से विकसित होने का मौका देना जरूरी है।


मिथक: जुड़वा बच्चे हमेशा साथ रहते हैं और हर काम एक साथ करते हैं

 जुड़वा बच्चों के बीच एक खास रिश्ता होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे हमेशा एक साथ रहना या एक जैसा काम करना पसंद करेंगे। जैसे-जैसे वे बड़े होते हैं, उनकी अलग-अलग रुचियाँ, दोस्त, और करियर हो सकते हैं।

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मिथक: जुड़वा बच्चों को एक जैसे कपड़े पहनाने चाहिए

 जुड़वा बच्चों को एक जैसे कपड़े पहनाने का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है। यह केवल माता-पिता की पसंद होती है। बच्चों को अपनी पहचान और स्टाइल को अपनाने की स्वतंत्रता देना उनकी व्यक्तिगत विकास के लिए अच्छा होता है।

 

मिथक: एक जुड़वा बच्चे का स्वास्थ्य या व्यक्तित्व दूसरे से प्रभावित होता है

 जुड़वा बच्चे एक ही गर्भ में होने के बावजूद, उनके स्वास्थ्य या व्यक्तित्व पर कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ता। हालांकि गर्भावस्था के दौरान कुछ जटिलताएं (जैसे "ट्विन टू ट्विन ट्रांसफ्यूजन सिंड्रोम") हो सकती हैं, लेकिन जन्म के बाद उनके स्वास्थ्य और व्यक्तित्व पर सामान्य जीवन के कारक प्रभाव डालते हैं, जैसे कि किसी अन्य बच्चे के मामले में होता है।

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