नारी डेस्क: दक्षिण भारतीय अभिनेत्री राधिका सरथकुमार ने शनिवार को चौंकाने वाला दावा किया कि मलयालम फिल्मों की शूटिंग सेट पर कारवां के अंदर छिपे कैमरों से महिला अभिनेताओं के आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड किए गए थे और उन्होंने व्यक्तिगत रूप से पुरुष अभिनेताओं को अपने मोबाइल फोन पर इसे देखते हुए देखा था। न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट जारी होने के मद्देनजर वरिष्ठ अभिनेत्री के एक मलयालम चैनल पर लगाए गए आरोप पर आरएमपी नेता और विधायक के के रेमा सहित राज्य के विभिन्न हलकों से तीखी प्रतिक्रिया आई।
राधिका ने खोली पोल
राधिका ने आश्चर्य जताया कि हेमा समिति की रिपोर्ट में देरी क्यों हुई और उन्होंने बताया कि न केवल मलयालम उद्योग बल्कि अन्य उद्योगों में भी महिलाओं के साथ कथित उत्पीड़न और दुर्व्यवहार जारी है। इस संबंध में अपना निजी अनुभव साझा करते हुए राधिका सरथकुमार ने कहा कि एक मलयालम फिल्म की शूटिंग के सेट पर उन्होंने पुरुषों को अभिनेत्रियों के कारवां में छिपे हुए कैमरों का उपयोग करते हुए क्लिप देखते देखा था। वरिष्ठ अभिनेत्री ने चैनल को बताया- "मैंने यह देखा है। मैंने कारवां में महिलाओं के कपड़े बदलते हुए वीडियो देखे हैं।" हालांकि, वह फिल्म के नाम या अवैध वीडियो देखते हुए देखे गए अभिनेताओं सहित अन्य विवरण बताने से हिचक रही थीं
राधिका ने की आवाज उठाने की अपील
अभिनेत्री ने यह भी याद किया कि इस पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और कारवां के प्रभारी व्यक्ति को चेतावनी दी थी कि अगर वाहनों के अंदर फिर से छिपे हुए कैमरे पाए गए तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा- "मैं बहुत क्रोधित हो गई। मैंने जोर देकर कहा कि मुझे सुरक्षित रहने की जरूरत है और इसलिए मैंने कहा कि मुझे कारवां नहीं चाहिए और अपने होटल के कमरे में वापस चली गई।" अभिनेत्री ने हेमा समिति के निष्कर्षों पर विभिन्न उद्योगों के पुरुष अभिनेताओं की चुप्पी की आलोचना की। 62 वर्षीय राधिका ने कहा- "अब जिम्मेदारी महिलाओं पर है। उन्हें (महिला अभिनेताओं को) खुद की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठानी होगी।" राधिका सरथकुमार के बयान पर हैरानी जताते हुए आरएमपी नेता के के रेमा ने कहा कि फिल्म उद्योग में कथित तौर पर हो रही क्रूरता किसी की कल्पना से परे है। उन्होंने मीडिया से कहा- "यह किस तरह की क्रूरता है... सिनेमा जगत तेजी से सबसे बड़ा अंडरवर्ल्ड बनता जा रहा है... इन सभी आरोपों से यही समझ में आता है।"
सख्त कार्रवाई करने की उठी मांग
रेमा ने कहा कि आम तौर पर फिल्म उद्योग में महिलाएं मानती हैं कि कारवां सुरक्षित है और अगर उन्हें भी पुरुषों की तरह ऐसी सुविधाएं मिलें तो वे शूटिंग स्थलों पर सुरक्षित रह सकती हैं। ताजा आरोप ने इसे गलत साबित कर दिया है। हालांकि, प्रसिद्ध डबिंग कलाकार भाग्यलक्ष्मी ने अपराध के बारे में जानकारी होने के बावजूद इतने सालों तक इस मुद्दे पर राधिका सरथकुमार की चुप्पी पर सवाल उठाया। मीडिया से बात करते हुए, प्रसिद्ध पटकथा लेखक दीदी दामोदरन ने आश्चर्य जताया कि अधिकारियों को सख्त कार्रवाई करने के लिए ऐसे कितने खुलासे करने की जरूरत है। मलयालम फिल्म उद्योग में उत्पीड़न और दुर्व्यवहार पर न्यायमूर्ति के हेमा समिति की रिपोर्ट के प्रकाशन ने विवाद को और बढ़ा दिया है, क्योंकि कई महिला कलाकारों ने अपने पुरुष समकक्षों के हाथों अपने साथ हुए दुर्व्यवहार के बारे में परेशान करने वाले बयान दिए हैं। इन आरोपों के बीच, सरकार ने न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद लगाए गए आरोपों की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल के गठन की घोषणा की। इसके बाद, कई अभिनेताओं और निर्देशकों के खिलाफ और शिकायतें सामने आईं।