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बच्चेदानी के बाहर आने के ये हैं लक्षण, इंफेक्शन होने से पहले जानिए कारण और घरेलू इलाज

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 17 Aug, 2022 01:13 PM
बच्चेदानी के बाहर आने के ये हैं लक्षण, इंफेक्शन होने से पहले जानिए कारण और घरेलू इलाज

महिला की बच्चेदानी अहम अंग में से एक है। इसी के जरिए महिला को पीरियड्स आते हैं और वह मां बनने का सुख पाती है लेकिन बच्चेदानी से जुड़ी बहुत सी समस्याएं भी हैं जैसे- यूट्रस की रसौलियां, सूजन, इंफेक्शन जिसके चलते प्रैगनेंसी में भी समस्या आती है। इसी के साथ एक और समस्या है बच्चेदानी के बाहर खिसकने की जिसे यूटेरिन प्रोलैप्स या यूट्रस का बाहर आना भी कहते हैं। ये समस्या 40 के बाद और 50 से 60 की आयु की लगभग आधी महिलाओं को होती है इसमें गर्भाशय आगे खिसकता है और बाहर की ओर बढ़ने लगता है। इसी के चलते कई महिलाएं, यूरिन रोक नहीं पातीं उन्हें हमेशा ब्लॉटिंग और गैस की शिकायत रहती है हालांकि इस बारे में महिलाएं ज्यादा गौर नहीं करती जबकि इस ओर ध्यान देना बहुत जरूरी है।  बहुत सी औरतों को तो इस समस्या के बारे में पता भी नहीं होगा। चलिए आपको बताते हैं कि बच्चेदानी के खिसकने का कारण क्या है और इसे वापिस अपनी जगह पर कैसे किया जा सकता है।

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बच्चेदानी, ब्लैडर (bladder) और रेक्टम  (rectum) के बीच होती है और इन दोनों हिस्सों को विभाजित करती है। रेक्टम के जरिए ही हम मल त्याग करते हैं और जब बच्चेदानी खिसकती है तो सबसे ज्याद परेशानी ब्लैडर और रेक्टम से जुड़ी ही आती है।

जैसेः कब्ज की समस्या हो जाती है

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ब्लॉटिंग की समस्या
यूरिन पास करने में दर्द होता है
पेट के निचले हिस्से, वेजाइना के पास आपको भारीपन महसूस होता है।
नीचे बैठने में परेशानी और हैवीपन लगता है

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हिप्स और पेट का ज्यादा बाहर निकला
और कई बार हंसने, खांसने या कूदने पर यूरिन निकल जाता है।

ये सारे कारण बच्चेदानी के बाहर खिसकने के हो सकते हैं और अब जानिए कि बच्चेदानी बाहर खिसकने के कारण क्या है?

तो बता दें कि ऐसा होने के बहुत से कारण हो सकते हैं- जैसे उम्र बढ़ने के साथ शरीर कमजोर हो जाता है। .प्रैग्नेंसी और लेबर पेन की वजह से, मेनोपॉज की वजह से।  

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.जो औरतें 2 या 3 बच्चों की मां नॉर्मल डिलीवरी के जरिए बनी हो।
.वजन ज्यादा होने पर
.फिजिकल एक्टिविटी ना करने पर
.उम्र बढ़ने के साथ महिला के शरीर का निचला हिस्सा कमजोर होता जाता है जैसे पेल्विक एरिया,  पीठ और पैर। इस हिस्से की मांसपेशियां कमजोर होने के चलते बच्चेदानी खिसक कर नीचे आने लगती हैं।  

यूटेरिन प्रोलैप्स से बचाव के टिप्स

. सबसे पहले तो अपना पोश्चर सही रखें। कई बार महिलाओं के हीप पीछे की ओर से ऊपर उठने लगता है और आगे से वो झुकी हुई नजर आती हैं। ये आपको बच्चेदानी वाले एरिया को कमजोर करता है।

. यूरिन व मल त्याग करते हुए प्रैशर ना डालें। इससे बच्चेदानी पर जोर पड़ता है और आपकी बच्चेदानी बाहर की ओर आने लगती है।

. आप हफ्ते में दो बार स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और दो बार साइकलिंग जरूर करें। इससे आपका पेल्विक एरिया और पैर मजबूत होंगे। ब्रिज पोज, डोग पोज या तितली आसन करें।

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. कीगल एक्सरसाइज करें, इससे आपकी बच्चेदानी मजबूत होगी। कीगल एक्सरसाइज करने का सबसे आसान तरीका ये है कि एक जगह बैठ जाएं और अपने पेल्विक एरिया को खोलते हुए एक बार पैर फैलाएं और फिर से एक बार पैर चिपका लें। इस तरह लगातार ये करने से आप अपने यूटरेस को मजबूत कर पाएंगे। इसे हर रोज दिन में 10 बार करें।  इसके अलावा रोज 5 से 10 बार स्क्वाट एक्सरसाइज जरूर करें। शरीर के निचले हिस्से को मजबूत करने वाले योग जैसे कि तितली आसन करें।

. हर बीमारी से बचाव के लिए आपकी डाइट सही होना बहुत जरूरी है। डाइट में फाइबर फूड्स ज्यादा ले ताकि कब्ज ना हो। कैल्शियम खाएं ताकि हड्डियों को मजबूती मिले। साथ ही पोटेशियम और मैग्नीशियम भरपूर आहार भी खाएं। आंवले के मौसम में आंवाला खाएं, शहतूत, करौंदा और खरवस खाएं। ये सारी चीजें फोलिक एसिड, विटामिन सी, फाइबर, मिनरल्स और कैल्शियम सभी से भरपूर हैं।

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. सही फुटवियर पहनें और हिप्स निकाल कर ना चलें।

. अगर इसके बावजूद फर्क ना दिखें तो स्त्री विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें। पैकेज अच्छा लगा तो इसे लाइक शेयर करना ना भूलें।
 

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