आज गुर्दे में पथरी की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। गुर्दे में पत्थरी को निकालने के लिए केवल ऑप्रेशन ही एक मात्र साधन है। ऐसे में जरुरी है समय रहते इस समस्या से जितना हो सके बचा जाए। मगर फिर भी यदि आप गर्दे में पथरी के शिकार हो गए हैं तो समय रहते इसकी जांच करवाना न भूलें। लापरवाही बरतने पर आपकी समस्या और ज्याद बढ़ सकती है।
क्यों बनती है गुर्दे में पथरी?
असल में जब हम शरीर की जरुरत के अनुसार पानी का सेवन नहीं करते तो हमारे शरीर में कई तरह की प्रॉबल्मस जन्म ले लेती हैं। उन्हीं में से एक है गुर्दे में पथरी। जब हम दिन में 7 से 8 गिलास से कम पानी पीते हैं तो शरीर में मौजूद खनिज यूरीन के जरिए शरीर से बाहर निकलने लगते हैं। कई बार यह खनिज यानि ठोस पदार्थ किडनी में जम जाते हैं। जो धीरे-धीरे ठोस पत्थरों की शेप ले लेते हैं। जिस वजह से कई बार व्यक्ति को असहनीय दर्द से भी गुजरना पड़ता है।
गुर्दे में पथरी के लक्षण..
-एक दम से यूरीन का रंग बदल जाना।
-कई बार यूरीन में ब्लड दिखाई देना।
-यूरीन का रंग गुलाबी होना।
-जी मचलाना।
-इंफेक्शन की वजह से बुखार।
-बार-बार पेशाब आना।
-पेट में दाईं तरफ तेज दर्द।
-यूरीन में जलन।
-पीठ के पिछले हिस्से में दर्द।
समस्या से बचने के उपाय...
-ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं।
-सोडियम युक्त चीजों का सेवन कम से कम करें।
-कैल्शियम युक्त स्पलीमेंट्स का सेवन दोपहर के वक्त करें।
-नमक भी जितना हो सके कम खाएं।
-अगर पथरी हो तो एसिडिक फ्रूट्स का सेवन भी कम करें।
-रात के वक्त दूध का सेवन करने से बचें या फिर दूध पीने के बाद 10-15 मिनट सैर जरुर करें।
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