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सिर्फ 16 साल की उम्र में दिखाया कमाल, जयपुर की Golden Girl बनी लाछी प्रजापति

  • Edited By palak,
  • Updated: 11 Oct, 2022 04:43 PM
सिर्फ 16 साल की उम्र में दिखाया कमाल, जयपुर की Golden Girl बनी लाछी प्रजापति

समाज भले ही आज तकनीकी विकास में आगे बढ़ रहा है लेकिन कुछ बातों में लोगों की सोच आज भी वहीं रुकी है। लड़कियों को लेकर समाज में कई तरह के भेदभाव आज भी मिलते हैं। लेकिन समाज की इन सारी बातों को पीछे छोड़कर कुछ माता-पिता अपनी बेटियों को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। लड़कियों को यदि अच्छे से प्रोत्साहित किया जाए तो वह समाज की बेड़ियों को तोड़कर देश-विदेश में राज्य का नाम ऊंचा कर रही हैं। ऐसी ही एक 16 साल की लड़की के बारे में आज आपको बताने जा रहे हैं जिसका नाम है लाछी प्रजापति। लाछी एक अच्छी लेखिका होने के साथ-साथ एक बेहतरीन डांसर भी हैं। तो चलिए आपको बताते हैं सिर्फ 16 साल की उम्र में कैसे उन्होंने अपने जीवन में इतना अच्छा मुकाम हासिल किया...

सिर्फ 16 की उम्र में नाम किए कई अवॉडर्स 

लाछी सिर्फ एक अच्छी लेखिका ही नहीं बल्कि वह अच्छी डांसर भी हैं। अपने बेहतरीन डांस के साथ वह देश विदेश में कथक की प्रस्तुति भी दे चुकी हैं। वह नेशनल लेवल की स्पोर्ट्स पर्सन, पेंटर और एक कैलिग्राफी आर्टिस्ट भी हैं। 

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'गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ' में प्रकाशित हुई लाछी की कहानी 

लाछी को जयपुर की गोल्डन गर्ल कहा जाता है। वह जयपुर की जंगेस्ट ऑथर ऑफ द वर्ल्ड के नाम से भी अपनी पहचान बना चुकी हैं। सिर्फ 16 साल की उम्र में लाछी की कहानी गोल्डन बुक ऑफ द अर्थ में प्रकाशित हुई है। आपको बता दें कि इस किताब में ऐसे 101 व्यक्तियों की बॉयोग्राफी है जिन्होंने किसी न किसी रुप में समाज को प्रभावित किया है। अपनी किताब में लाछी ने 50 देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंंत्री, अभिनेता, खिलाड़ी, चिकित्सा, शिक्षक और समाजसेवियों के जीवन के बारे में बताया है। 

9 साल की उम्र में पब्लिश हुई लाछी की किताब 

लाछी की उम्र सिर्फ 9 साल की थी जब उनकी पहली किताब व्हाइल विद मी के नाम से पब्लिश हुई थी। इस किताब में उसने अपनी लिखी हुई कविताएं, कहानियां और बाल कल्पनाओं का जिक्र किया ता। इसके अलावा इस किताब में लाछी ने मानवीय संवेदनाओं, मां के प्रति प्रेम, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए भी अपनी किताब में जिक्र किया है। 7वें एशियाड लिटरेचर फेस्टिवल में उन्हें यंगेस्ट ऑथक एक्सीलेंड अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। लाछी को यह खिताब उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक सिट ए व्हाइल विद मी के लिए मिला था। 

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सिर्फ 5 साल की उम्र में किया लिखना शुरु 

लाछी ने सिर्फ पांच साल की उम्र में लेखिका के रुप में काम करना शुरु कर दिया था। स्कूल में मिलने वाले कार्य के बाद वह लिखना शुरु कर देती थी। लाछी की माता-पिता को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने उसे लिखने के लिए मोटिवेट किया। पेरेंट्स के स्पोर्ट से ही लाछी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। लाछी ने अपनी किताब बॉलीवुड एक्ट्रेस हेमामालिनी को भी भेंट के रुप में दी थी। लाछी ने बताया कि- पुस्तक से मिलनी वाली राशि वह कैंसर पीड़ित लोगों के इलाज के लिए देगी। इसके अलावा लाछी दूसरी किताब भी लिख रही हैं। 

चार साल की उम्र में की स्टेज शेयर 

 एक अच्छी लेखिका होने के साथ-साथ लाछी बहुत अच्छी कथक डांसर भी है। उसने 125 चरी सिर पर रखकर नृत्य करने का रिकॉर्ड भी बना चुकी हैं। वह न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी अपने बेहतरीन डांसर की प्रतिमा दिखा चुकी हैं। लाछी ने सिर्फ दो साल की उम्र में ही डांस शुरु कर दिया था। लाछी के अनुसार, 4 साल की उम्र में उसने अपनी सबसे पहली स्टेज शेयर की थी। उसे पंडित विश्व मोहन भट्ट, सोनल मानसिंह सहित देश की कई जानी-मानी हस्तियों के साथ स्टेज शेयर करने का मौका भी मिल चुका है। 

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खुद प्रधानमंत्री बंधवा चुके हैं लाछी से राखी 

7वें एशियाड लिटरेचर फेस्टिवल में लाछी ने स्टेज पर पीएम से मिलने की इच्छा जाहिर की थी। जिसके कुछ दिन बाद उन्हें पीएम मोदी ने मिलने का मोका मिला। प्रधानमंत्री लाछी से राखी भी बंधवा चुके हैं। इसके अलावा अपनी किताब भी वह लाछी को भेंट कर चुकी हैं। खबरों की मानें तो लाछी बच्चों को निशुल्क नृत्य भी सिखाती है। 

पिस्टल शूटर और कैलिग्राफी आर्टिस्ट भी हैं

लाछी केवल डांसर और राइटर ही नहीं बल्कि एक कैलिग्राफी आर्टिस्ट, पेंटर होने के साथ पिस्टल शूटर भी है। वह 11वें महाराजा करणी सिंह मेमोरियल , 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग के नेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं। अपनी सफलता का सारा श्रेय वह अपने माता-पिता को देती हैं। डांस, राइटिंग, पेंटिंग उनका सिर्फ पैशन है। भविष्य में वह आईएएस अधिकारी बनना चाहती हैं और देश की सेवा करना चाहती हैं। 

 

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