राजस्थान के कोटा में राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट) की तैयारी कर रहे एक किशोर ने प्लास्टिक बैग में अपना चेहरा लपेटकर दम घोंटकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। मौके से एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें छात्र ने मां- बाप से माफी मांगते हुए खुद को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। साथ ही यह भी कहा कि उसकी मौत के बाद किसी दाेस्त को परेशान ना करें।
पुलिस के मुताबिक, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रामपुर का रहने वाला मनजोत छाबड़ा (17) विज्ञान नगर पुलिस थाना क्षेत्र में अपने छात्रावास के कमरे के अंदर मृत मिला। मनजोत छाबड़ा ने बुधवार और बृहस्पतिवार की दरमियानी रात आत्महत्या कर ली। हालांकि, इस घटना के बारे में सुबह तब पता चला जब मनजोत के माता-पिता को फोन कॉल का कोई जवाब नहीं मिला और उन्होंने छात्रावास की देखभाल करने वाले व्यक्ति को इस बारे में सूचित किया, जिसने दरवाजा तोड़ा।
कमरे के अंदर मनजोत का शव पड़ा था। उसके कमरे में पंखे में एक ऐसा उपकरण लगा था, जिसके कारण पंखे से लटककर आत्महत्या करना मुश्किल था। जांच में पता चला है कि आत्महत्या करने के लिए मनजोत ने अपने सिर और चेहरे को प्लास्टिक की थैली से ढक लिया और उसके चारों ओर एक कपड़ा भी बांध लिया, जिसके कारण दम घुटने से उसकी मौत हो गई। कमरे की दीवार पर एक सुसाइड नोट चिपका हुआ मिला, जिसमें किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।
नोट में लिखा है- "मेरे परिवार और मेरे दोस्तों को परेशान नहीं किया जाए, यह मैं अपनी मर्जी से कर रहा हूं". साथ ही छात्र ने हैप्पी बर्थडे पापा भी लिखा है। स्टूडेंट सेल के इंचार्ज चंद्रसील का कहना है कि 16- 17 साल के जो बच्चे कोटा में आते हैं, वो पहली बार घर से बाहर निकलते हैं. परिवार से दूर होकर उन्हें कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिसे वह झेल नहीं पाते और इस तरह का कदम उठा लेते हैं ।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए यहां कोचिंग लेने वाले किसी छात्र के आत्महत्या करने का इस साल यह 17वां मामला है। पिछले साल 2022 में 15 छात्रों ने आत्महत्या की थी। बताया जा रहा है कि मनजोत 12वीं कक्षा में अव्वल आया था और वह एक मेधावी छात्र था। इस साल अप्रैल में वह अपने तीन सहपाठियों के साथ नीट की तैयारी करने कोटा आया था और चारों छात्रावास के अलग-अलग कमरों में रहते थे।