बॉलीवुड एक्ट्रेस सुष्मिता सेन एक अच्छी एक्ट्रेस होने के साथ-साथ एक अच्छी मां भी हैं। सुष्मिता की दो बेटियां हैं जिनकी परवरिश अकेले ही करती हैं। एक्ट्रेस ने दोनों बेटियां को गोद लिया था। जैसे सुष्मिता अपनी बेटियों की परवरिश की है वह बाकी सिंगल मदर के लिए एक इंस्पीरेशन हैं। तो चलिए आज आपको उनके कुछ ऐसे टिप्स बताते हैं जो बतौर सिंगल मदर आपके भी काम आ सकते हैं।
थोड़ी सी कोशिश से कर सकती है सब
ऐसा कहा जाता है कि एक बच्चे के लिए मां और बाप दोनों ही जरुरी होते हैं लेकिन यदि किसी कारणवश बच्चे को मां-पिता का साथ नहीं मिल पाता है इसका मतलब यह नहीं कि आपका परिवार ही अधूरा रह जाएगा। इस बात पर सुष्मिता का मानना है कि बच्चों की अकेले परवरिश करना मुश्किल तो होता है लेकिन नामुमकिन नहीं है। थोड़े से प्रयास के साथ आप बच्चों के लिए सब कुछ कर सकती हैं।
ईमानदार रहें
बच्चों के साथ झूठ बिल्कुल भी न बोलें उनके साथ ईमानदार रहें। बच्चों के दिमाग में कई सारे सवाल होते हैं और आपको उनका सच में ही जवाब देना चाहिए। थोड़े क्रिएटिव अंदाज में आप बच्चों को उसी सवाल का जवाब दे सकते हैं। सुष्मिता ने बताया था कि एक दिन उनकी बेटी रेनी स्कूल से आकर पिता के बारे में पूछने लगी। तब सुष्मिता ने उसे मुस्कुराकर कहा था कि उनके पिता शिव हैं।
मस्ती करें
बच्चों को अनुशासन में रखना जरुरी है लेकिन कभी-कभी उनके साथ मस्ती भी करनी चाहिए। पहले सुष्मिता एक स्ट्रिक्ट मदर थी लेकिन अब वो ऐसा नहीं करती। अपनी बेटियों को फन करवाने के लिए वह खाली समय में उन्हें हॉलीडे पर भी ले जाती हैं। ऐसे में आप भी बच्चों के साथ फन करते हुए उन्हें वीकेंड या खाली समय पर घूमने ले जा सकते हैं।
सपने चुनने की आजादी दें
हर बच्चे के ख्वाब अलग-अलग होते हैं। कुछ बच्चे डॉक्टर या इंजीनियर बनना चाहते हैं तो कुछ एक्टर्स बनना पसंद करते हैं। ऐसे में आपके बच्चों को जो पसंद हैं उन्हें वह करने दें। यदि वह कोई बड़ा सपना देखते हैं तो उसमें उनका साथ दें। सुष्मिता सेन भी अपनी बेटियों को अपने सपने चुनने और उन्हें पूरा करने की कोशिश करने की पूरी आजादी देती हैं। शायद ये खूबी हर पेरेंट में होनी चाहिए।
बच्चों को बनाएं आत्मनिर्भर
कई बार लाड़-दुलार में सिंगल पेरेंट्स बच्चों के काम खुद ही कर देते हैं लेकिन ऐसा न करें। आपकी इस आदत के कारण बच्चा आलसी बन सकता है। घर के छोटे-मोटे कामों में उनकी मदद आप ले सकते हैं। जैसे कमरे की सफाई, कपड़ों की धुलाई आदि। इससे बच्चे आत्मनिर्भर बनेंगे।