हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का भी खास महत्व बताया गया है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। साल में 24 और महीने में 2 एकादशी तिथि आती है। एकादशी का व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। माघ महीने के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को षटतिला एकादशी कहते हैं। इस एकादशी में भगवान विष्णु को तिल का भोग लगाना चाहिए। इसके अलावा इस दिन तिल दान करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। लेकिन इस बार षटतिला एकादशी किस दिन पड़ रही है आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं।
05 फरवरी को शुरु होगी एकादशी तिथि
पंचांग की मानें तो एकादशी तिथि 5 फरवरी 2024 को शाम 05.24 पर शुरू होगी। इसका समापन अगले दिन अगले दिन 6 फरवरी 2024 को शाम 04.07 पर समाप्त होगा। षटतिला का व्रत 06 फरवरी को रखा जाएगा और व्रत का पारण 07 फरवरी सुबह 07:06 से लेकर सुबह 09:18 के बीच होगा।
षटतिला एकादशी से जुड़ी पौराणिक कथा
इस एकादशी के दिन पूरे विधि-विधान के साथ यदि भगवान विष्णु की काले तिलों से पूजा की जाए तो व्यक्ति को हर तरह के पापों से छुटकारा मलिता है। इसके साथ ही मनुष्य रोग दोष और भय से मुक्त हो जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, काले तिल, काली गाय को दान करने से हजारों सालों की तपस्या का फल मिलता है। इस दिन तिल का इस्तेमाल करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं और ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहती है। षटतिला एकादशी का व्रत रखने से परिवार की दरिद्रता दूर होती है।
भगवान विष्णु को लगाएं भोग
षटतिला एकादशी वाले दिन उड़द और तिल से बनी खिचड़ी बनाकर भगवान विष्णु को भोग लगाएं। इसके अलावा हल्दी की गांठ विष्णु जी को अर्पित करें, इस उपाय को करने से विवाह में आ रही अड़चने दूर होगी। व्रत की कथा सुनने के बाद भगवान विष्णु को तिल का तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है।