कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरु के कई इलाकों में लोग इन दिनों जल संकट से जूझ रहे हैं। इस शहर में पानी की इतनी कमी हो गई है कि कुछ इलाकों में स्कूल और कोचिंग सेंटर भी बंद कर दिए गए हैं। क्लॉसेस को ऑनलाइन कर दिया गया है। शहर में हुई पानी की कमी को पूरा करने के लिए लोग महीने में 10 हजार रुपये तक खर्च कर रहे हैं। इसके अलावा लोगों को पानी संबंधी मदद के लिए सरकार ने अब हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने का निर्णय लिया है।
टैंकर के बढ़े दाम
ऐसे में लोगों के लिए पानी के टैंकर बुलाए गए हैं। डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने कहा कि यहां आम दिनों में पानी की कमी पूरी करने वाला एक टैंकर 700-800 रुपये लेता था लेकिन अब वही पानी की बढ़ती मांग के चलते 1800-2000 रुपये की मांग कर रहा है। बैंगलुरु में रहने वाले स्थानीय प्रवासी शरशचंद्र ने कहा कि हमारे परिवार में कुल 6 लोग हैं उचित तरीके से यदि हम पानी का इस्तेमाल करते हैं तो टैंकर 5 दिन तक चलता है इसका मतलब है कि हमें एक महीने में 6 टैंकर पानी की जरुरत पड़ेगी और इसके लिए हमें हर महीने लगभग 9,000 रुपये खर्च करने होंगे लेकिन हम कब तक ऐसे ही पैसे खर्च करते रहेंगे।
सरकार ने की बड़ी घोषणा
इस मामले पर बैंगलुरु विकास प्रभारी की जिम्मेदारी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने बैंगलुरु में पानी की मांग को पूरा करने के लिए निजी टैंकर और निजी बोरवेल को अपने कब्जे में लेने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि पानी की कमी पूरी करने के लिए दूध के टैंकरों का इस्तेमाल भी किया जाएगा। वहीं सरकार प्रति टैंकर पानी का दर तय करने के बारे में भी सोच रही है। सीएम के मुताबिक, कर्नाटक की 136 तालुका में से 123 को सूखाग्रस्त बता दिया गया और 109 तालुका गंभीर रुप से जल संकट से जूझ रहे हैं।
हेल्पलाइन नंबर होगा जारी
कर्नाटर सरकार ने जल संकट से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर देने का निर्णय लिया है। इसके अलावा उन्होंने पानी की कमी पूरी करने और मवेशियों को चारे की कमी पूरी करनेके लिए क्षेत्र के विधायक के नेतृत्व में तालुका स्तर पर कार्य बल भी बनाई है।
बारिश की कमी के कारण बिगड़े हालात
साल 2023 में पानी की कमी के कारण पूरा कर्नाटक मुख्य रुप से बैंगलुरु को जल संकट से जूझना पड़ रहा है। भार मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कम बारिश के लिए अल नीनो प्रभाव को जिम्मेदार ठहराया है।