हर साल भाद्रपद कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद माह के अष्टमी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतरण हुआ था। इस दिन यदि आप पहली बार लड्डू गोपाल को अपने घर लाने की सोच रहे हैं तो कुछ महत्वपूर्ण नियमों और परंपराओं का पालन करना आवश्यक है। यह सुनिश्चित करता है कि आप भगवान कृष्ण की सही ढंग से पूजा करें और उनके आशीर्वाद प्राप्त करें। यहां कुछ महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैंं
शुद्धि और स्वच्छता का ध्यान रखें
लड्डू गोपाल को घर लाने से पहले, घर को अच्छी तरह से साफ करें और पूजा स्थान की शुद्धि का ध्यान रखें। जहां लड्डू गोपाल को स्थापित करना है, उस स्थान को गंगाजल से पवित्र करें।
स्थापना का शुभ मुहूर्त
लड्डू गोपाल की स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का चयन करें। ज्योतिषाचार्य से परामर्श लेकर, शुभ समय पर उनकी मूर्ति को स्थापित करें। स्थापना के समय शुद्ध कपड़े पहनें और पूरे विधि-विधान से पूजा करें।
लड्डू गोपाल की मूर्ति का चयन
लड्डू गोपाल की मूर्ति का चयन करते समय उनके चेहरे की मधुरता और मूर्ति की दिव्यता का ध्यान रखें। यह सुनिश्चित करें कि मूर्ति में किसी प्रकार की टूट-फूट न हो। मूर्ति पूरी तरह से निर्दोष और सुन्दर होनी चाहिए।
स्नान और वस्त्र धारण कराएं
लड्डू गोपाल को घर लाने के बाद, सबसे पहले उन्हें दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल से स्नान कराएं। इसके बाद उन्हें सुन्दर और नए वस्त्र धारण कराएं। विशेषकर पीले या श्वेत रंग के वस्त्र उनके लिए उत्तम माने जाते हैं।
श्रृंगार और अलंकरण
स्नान के बाद लड्डू गोपाल का श्रृंगार करें। उन्हें फूलों, मोर पंख, बांसुरी और गहनों से सजाएं। उनकी छोटी-छोटी चीजें जैसे मुकुट, झूला, और आभूषण भी सावधानीपूर्वक चुनें और व्यवस्थित करें।
नियमित आरती और भोग
लड्डू गोपाल के लिए नियमित रूप से सुबह और शाम आरती करें। उनकी पूजा में ध्यान और समर्पण का विशेष ध्यान रखें। उन्हें ताजे फूल, मिठाई, माखन-मिश्री, फल और अन्य भोग प्रतिदिन अर्पित करें। विशेष रूप से माखन और मिश्री का भोग उनके प्रिय माने जाते हैं।
पवित्रता और नित्य सेवा
लड्डू गोपाल की सेवा नित्य करें। उन्हें प्रतिदिन स्नान कराएं, वस्त्र बदलें, और भोग अर्पित करें। दिनभर उनके सामने दीपक जलता रहे और उनके आस-पास की सफाई का पूरा ध्यान रखें। रात में सोने से पहले लड्डू गोपाल को शयन कराएं और सुबह उठते ही उन्हें जागरण करें। उनकी सेवा के लिए सही समय पर जागरण, स्नान, और भोजन की व्यवस्था करें।
विशेष अवसरों पर उत्सव
जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा, और अन्य विशेष त्योहारों पर विशेष पूजा, आरती और भोग का आयोजन करें। इन अवसरों पर उनके लिए विशेष पकवान तैयार करें और उनकी लीलाओं का स्मरण करें। लड्डू गोपाल को घर लाने के बाद, उनके प्रति पूर्ण समर्पण का भाव रखें। उनकी सेवा और पूजा में कोई कमी न आने दें। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अपने आचरण और विचारों में पवित्रता बनाए रखें।