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बिन बोले ही समझ जाते हैं बेटी के मन की बात, ऐसा होता है पिता का प्यार

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 08 Sep, 2018 10:10 AM
बिन बोले ही समझ जाते हैं बेटी के मन की बात, ऐसा होता है पिता का प्यार

बेटी अगर मां की आंखों का तारा होती है तो पिता का अभिमान भी होती है। दुनिया में माता-पिता का रिश्ता इंसान को भगवान की ओर से मिलता है और कोई भी इसकी जगह नहीं ले सकता, भले ही वह कितने भी रिश्ते क्यों न बना ले। एक बेटी को सबसे ज्यादा प्यार और सबसे ज्यादा गर्व अपने पापा पर होता है। इसके पीछे अनेक कारण हैं, जो किसी को भी उसके पापा से बेहतर नहीं होने देते।

 

1. सबसे पवित्र रिश्ता
बाप-बेटी का रिश्ता दुनिया में सबसे अधिक पवित्र होता है। यह ऐसा रिश्ता है, जिसमें कोई शर्त नहीं होती तथा यह बिल्कुल निस्वार्थ होता है।

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2. बेटी के जन्म पर खुशी
बेटी का जन्म होने पर पिता को सबसे ज्यादा खुशी होती है, जब एक पिता नन्हीं-सी बेटी को अपनी गोद में लेकर चूमता है तो उसकी आंखों से खुशी के आंसू आ जाते हैं इसलिए एक बेटी अपने पिता से इतना प्यार करती है।

 

3. पापा करते हैं रक्षा
एक पिता  अपनी बेटी की रक्षा को ही अपना धर्म मानता है। घर के अंदर भी और बाहर भी वह अपनी बेटी की मदद के लिए हमेशा मौजूद रहता है इसलिए बाप-बेटी का रिश्ता इतना मजबूत होता है।

 

4. आगे बढ़ने की प्रेरणा
एक पिता अपनी बेटी को सशक्त बनाता है, ताकि वह आगे चलकर किसी पर भी निर्भर न हो। हर अच्छे कार्य में अपनी बेटी को बढ़ावा देना एक पिता को बखूबी आता है।

 

5. पहला प्यार
एक नारी के जीवन का सबसे पहला प्यार उसके पाप ही होते हैं। तभी तो वह रिश्ते में यहां तक कि अपने जीवनसाथी में भी अपने पिता की छवि को तलाशती है।

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6. प्यार और इज्जत
जो प्यार और इज्जत एक बेटी को अपने पिता से मिलती है उसे आप किसी भी तरह से तोल नहीं सकते। बाप-बेटी का रिश्ता इस बात की मिसाल है कि समाज में हर बच्ची या महिला के साथ इंसान को किस प्रकार का रिश्ता रखना चाहिए एवं उसके साथ हमेशा प्यार एंव इज्जत से पेश आना चाहिए।

 

7. जीने की कला
बेटी के लिए पिता सबसे बड़ा शिक्षक होता है। एक पिता ही अपनी बेटी को क्या अच्छा है और क्या बुरा, ये सब सिखाता है।

 

8. पिता से डांट नहीं
एक पिता अपनी बेटी की आंखों में आंसू कभी नहीं देख सकता। वह हमेशा अपनी बेटी को प्यार से समझाने की कोशिश करता है तथा उसे किसी भी बात पर डांटता नहीं है।

 

9. अपनी बेटी के लिए जीना
पिता अपनी बेटी के लिए ही जीता है, यह जानते हुए भी कि उसकी बेची आगे चलकर शादी करेगी और दूसरे के घर चली जाएगी। वह अपनी बेटी को पढ़ाता लिखाता और उसका करियर बनाने तथा उसके ख्वाब पूरे करने की पूरी कोशिश करता है।

 

10. खुली बांहों के साथ अपनाना
जिंदगी मुश्किलों से भरी है। लाख मुसीबत सहने के बाद एक बेटी हमेशा यह बात जानती है कि उसका पिता उसे खुली बांहों के साथ अपनाने के लिए तैयार हो जाएगा क्योंकि पापा तो आखिर पापा होते हैं।

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