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पहली बार जन्माष्टमी पर घर में आ रहे हैं लड्डू गोपाल तो इस तरह करें सेवा

  • Edited By palak,
  • Updated: 04 Sep, 2023 05:09 PM
पहली बार जन्माष्टमी पर घर में आ रहे हैं लड्डू गोपाल तो इस तरह करें सेवा

कृष्ण भक्तों का प्रिय त्योहार जन्माष्टमी आने में कुछ ही दिन बचे हैं। इस दिन श्रीकृष्ण के भक्तों में एक खास उल्लास देखने को मिलता है। पूरे विधि-विधान के साथ जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण की पूजा करके भक्त मनचाहा वरदान पाते हैं। इस साल जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जा रही है। जन्माष्टमी पर कई लोग अपने घर में बाल गोपाल भी लेकर आते हैं। माना जाता है कि जिन घरों में नन्हे बाल स्वरुप कान्हा जी का वास होता है वहां हमेशा खुशहाली रहती है। ऐसे में यदि आप भी इस जन्माष्टमी घर में लड्डू गोपाल लाने वाले हैं तो कुछ नियमों का पालन करना जरुरी है। आइए जानते इन नियमों के बारे में....

रोज करवाएं स्नान 

लड्डू गोपाल श्रीकृष्ण का बाल स्वरुप माने जाते हैं इसलिए उनका ख्याल भी छोटे बच्चे की तरह ही रखा जाता है। नियमित तौर पर लड्डू गोपाल जी को स्नान करवाएं। शंख में दूध, दही, गंगाजल और घी डालकर रोज स्नान करवाएं। 

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रोज बदलें कान्हा के कपड़े 

स्नान करने के बाद रोज लड्डू गोपाल जी के कपड़े जरुर बदलें। बच्चे की तरह उन्हें तैयार करें इसके बाद उन्हें चंदन का टीका लगाएं। श्रृंगार करें, कान में बाल, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मुकुट में मोरपंख लगाना न भूलें। लड्डू गोपाल को कपड़े भी हमेशा मौसम के मुताबिक ही डालें। ठंडे मौसम में गर्म और गर्मी के मौसम में कॉटन के कपड़े पहनाएं। 

दिन में चार बार लगाएं भोग 

माना जाता है कि जैसे एक छोटे बच्चे को बार-बार भूख लगती है वैसे ही लड्डू गोपाल जी को भी बार-बार भूख लगती है। इसलिए उन्हें भी बच्चों की तरह समय-समय पर भोजन करवाएं। लड्डू गोपाल जी को रोजाना 4 तरह का अलग-अलग भोग लगाएं। भोग लगाते समय इस यह ध्यान रखें कि इसमें सात्विक भोजन ही शामिल करें। लड्डू गोपाल को आप उनके मनपसंद माखन मिश्री का भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा बूंदी के लड्डू, खीर और हलवा भी लड्डू गोपाल को भोग के तौर पर खिला सकते हैं। 

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रोज करें पूजा 

लड्डू गोपाल की रोज पूजा करें और उनके आरती उतारें। दिन में 4 बार लड्डू गोपाल की आरती करना जरुरी माना जाता है। 

झुलाएं झूला 

शाम को आरती करने के बाद लड्डू गोपाल को भोग लगाएं। इसके बाद लोरी गाते हुए लड्डू गोपाल जी तो झूला झुलाएं। राथ को लड्डू गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं। झूले में लगा परदा बंद करना बिल्कुल न भूलें। 

घर पर न छोड़ें अकेला 

लड्डू गोपाल जी को घर के सबसे छोटे सदस्य के तौर पर माना जाता है इसलिए उनका ख्याल बच्चे की तरह ही रखें। जैसे बच्चे को घर में कभी भी अकेला नहीं छोड़ते वैसे लड्डू गोपाल जी को भी अकेला न छोड़ें। यदि आप लंबे समय के लिए कहीं काम से जा रहे हैं तो उन्हें अपने साथ ले जाएं या फिर अपने किसी पड़ोसी या फिर रिश्तेदार के पास भी आप लड्डू गोपाल को छोड़कर जा सकते हैं।

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