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KBC में 50 लाख जीतने वाली कभी करना चाहती थी आत्महत्या, ऐसी है फूलबासन की संघर्ष भरी कहानी

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 24 Oct, 2020 06:33 PM
KBC में 50 लाख जीतने वाली कभी करना चाहती थी आत्महत्या, ऐसी है फूलबासन की संघर्ष भरी कहानी

लोगों का चहेता शो कौन बनेगा करोड़पति-12 इस बार भी फैंस द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। इस बार बहुत सारी हौसलों से भरी कहानियां देखने को मिल रही हैं। हाल ही में इसके कर्मवीर स्पेशल एपिसोड में फूलबासन यादव हॉटसीट पर बैठी। फूलबासन यादव की कहानी भी लोगों को प्रेरित करने वाली है खासकर महिलाओं को।

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आपको बता दें फूलबासन यादव छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले की रहने वाली है। वह फूलबासन मां बमलेश्वरी जनहितकारी समिति की संस्थापक हैं। वह तकरीबन 2 लाख महिलाओं का सहारा बनकर उन्हें पैरों पर खड़ा कर रही हैं। वह लगातार महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं। इस स्पेशल एपिसोड में फूलबासन का साथ बन कर आई थीं बॉलीवुड एक्ट्रेस रेणुका शहाणे । पद्मश्री सम्मानित फूलबासन ने इस स्पेशल एपिसोड में अपने संघर्ष की कहानी सुनाई।

गरीबी के कारण लिया था मरने का फैसला 

शो में फूलबासन ने होस्ट अमिताभ बच्चन को बताया कि वह इतने गरीब थे कि उन्होंने मरने का फैसला तक कर लिया था। फूलबासन ने बिग बी को बताया , ' मैं बचपन से हमेशा यह सोचती थी कि गरीब क्यों होता है, क्योंकि मैंने इसे बहुत नजदीक से देखा है। मैं जब 7 साल की थी तो हम झोपड़ी में रहते थे और मैं होटल में बर्तन धोती थी। मैंने तीन दिनों तक लगातार अपने मां-बाप को रोते हुए देखा था क्योंकि हमारे घर में खाने तक को नहीं था। हम तीन बहने, दो भाई थे। जब मां- बाप से खाना मांगो तो वो सुला देते थे'।

पढ़ने की थी जिद लेकिन...

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आगे फूलबासन अपनी संघर्ष की बात करते हुए कहा, ' मुझे लगता था जो पढ़ते-लिखते हैं सिर्फ उनके पास ही पैसे रहते हैं। इस सोच के साथ मैंने पढ़ने की जिद की फिर जब मैं स्कूल गई तो टीचर ने कहा पिता को लेकर आओ। पिता के पास गई तो उन्होंने गरीबी के कारण मुझे मना कर दिया। इन सभी में मैं मां के पास गई तो आगे से जवाब मिला कि तुम लड़की, पराया धन हो पढ़कर क्या करोगी। उस समय 7 साल में मैंने सीखा कि सबके मां-बाप होते हैं मगर गरीब को कोई नहीं होता'।

कम उम्र में हुई शादी 

अपने संघर्ष के बारे में बात करते हुए फूलबासन ने आगे बताया कि कैसे कम उम्र में उनकी शादी हो गई और एक बार गरीबी के कारण वह अपने बेटी को लेकर मरने के लिए निकल गई थी। फूलबासन ने बताया, '10 साल में मेरी शादी हुई और 14 साल में मैं ससुराल चली गई। पति अनपढ़ था और मैं घर घर में जाकर काम करती थी। कई बार ऐसा हुआ कि घर में बच्चों के लिए खाना नहीं था। जब गली में निकलती थी तो लोग दरवाजा बंद कर देते थे कि कहीं मैं मांगने ना आ जाऊं। मैं वो अभागन मां हूं जिसने अपने बच्चों को भूखा सुलाया है। लोग जमकर मजाक उड़ाते थे ये सोचकर एक दिन मैं बच्चों को लेकर मरने निकल गई। फिर मेरी बड़ी बेटी ने मेरा हाथ पकड़कर कहा कि मां हमें नहीं मरना। उस दिन मैंने फैसला किया कि समाज की महिलाओं के लिए ही जिंदा रहूंगी'।

महिलाओं को बना रही आत्मनिर्भर 

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आपको बता दें फूलबसन अपनी संस्था मां बम्लेश्वरी जनहित करे समिति के जरिए छत्तीसगढ़ की आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं और उनके विकास के लिए प्रयास कर रही हैं। वहीं इस शो में जब बिग बी ने फूलबसन से पूछा कि वह आर्थिक लेन देन में हिसाब-किताब कैसे रखती हैं तो उन्होंने कहा ,' जब आप अकेले रहते हैं, तो ये चीजें कभी आपके दिमाग में नहीं आतीं। उदाहरण के लिए, यदि आप किसी कुत्ते या बिल्ली को पत्थर मारेंगे तो वो भाग जाएंगे। लेकिन कभी मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर मारकर देखिए! मधुमक्खियां आप पर हमला कर देंगी। यह संगठन की शक्ति है।'

फूलबसन की सोच से प्रभावित हुईं रेणुका शहाणे

रेणुका शहाणे फूलबसन की सोच से काफी प्रभावित हुई और उन्होंने कहा ,' इनकी कहानी सुनकर मैंने महसूस किया कि मैं शिक्षित जरूर हूं लेकिन मुझे इस बात का बुरा लगता है कि इतना पढ़ने के बावजूद मेरे मन में कभी समाज के लिए ऐसी चीजें करने का ख्याल नहीं आया, जिस तरह उन्होंने पूरी हिम्मत के साथ यह किया है। शायद इस शो के बाद मैं ऐसा कुछ करना चाहूंगी।'

घरेलू हिंसा पर लगाम लगाने के लिए तैयार की ‘महिला फौज’

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फूलबसन के हौसले की बात करें तो वह न सिर्फ महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैं साथ ही वह स्वच्छता, स्वास्थ्य जरूरतों का भी ख्याल रख रही हैं। इतना ही नहीं बाल विवाह के विरूद्ध और उसके खिलाफ जागरूकता फैलाने का भी काम कर रही हैं। साथ ही उन्होंने एक ‘महिला फौज’ भी तैयार की है, ताकि वो घरेलू हिंसा के मामलों पर लगाम लगा सकें।

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