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पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबलों का तगड़ा एक्शन, आतंकियों के घरों को मिट्टी में मिलाया

  • Edited By Priya Yadav,
  • Updated: 26 Apr, 2025 10:20 AM
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षाबलों का तगड़ा एक्शन, आतंकियों के घरों को मिट्टी में मिलाया

 नारी डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद सुरक्षा बलों का एक्शन जारी है। इस हमले के बाद सरकार और सुरक्षाबल दोनों ही पूरी ताकत के साथ आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन चला रहे हैं।

आतंकी के घर को तोड़ दिया 

इस ऑपरेशन के तहत, पुलवामा में सक्रिय लश्कर के आतंकवादी एहसान अहमद शेख के घर को आईईडी से उड़ाया गया। यह घर जून 2023 से लश्कर के आतंकवादी एहसान का था, जो पुलवामा के मुर्रान का रहने वाला था।

इसके बाद, शोपियां के चोटीपोरा इलाके में सक्रिय लश्कर के आतंकवादी शाहिद अहमद के घर को भी विस्फोट से ध्वस्त कर दिया गया।
इन दोनों घरों के उड़ाए जाने के बाद, अब तक पिछले 48 घंटों में कुल 6 आतंकवादियों के घरों को सुरक्षाबलों ने मिट्टी में मिला दिया है।

कुलगाम में एक और कार्रवाई

सुरक्षाबलों ने 25 अप्रैल की रात को कुलगाम के क्विमोह इलाके में जाकिर गनी के घर को भी आईईडी से उड़ाया। जाकिर गनी लश्कर के आतंकवादियों में शामिल था और 2023 में लश्कर से जुड़ा था। इसके अलावा, आदिल गोजरी का घर भी बिजबेहरा में आईईडी से उड़ाया गया।

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आतंकवादियों की लिस्ट

पिछले कुछ दिनों में सुरक्षाबलों ने जिन आतंकवादियों के घरों को ध्वस्त किया है, उनकी सूची इस प्रकार है-

आदिल गोजरी (बिजबेहरा)

आसिफ शेख (त्राल)

एहसान शेख (पुलवामा)

शाहिद कुट्टे (शोपियां)

जाकिर गनी (कुलगाम)

हारिस अहमद (पुलवामा)

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आदिल हुसैन थोकर का घर भी उड़ा दिया गया

पुलवामा में एक और आतंकी आदिल हुसैन थोकर का घर अनंतनाग जिले के बिजबेहरा में बम से उड़ा दिया गया। आदिल थोकर, जिसे आदिल गुरी के नाम से भी जाना जाता है, पर आरोप है कि उसने पहलगाम हमले की साजिश रची और पाकिस्तानी आतंकियों की मदद से इसे अंजाम दिया।

आतंकी का पाकिस्तान कनेक्शन

आदिल हुसैन थोकर ने 2018 में पाकिस्तान का दौरा किया था और वहां आतंकी ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद, वह 2023 में जम्मू-कश्मीर वापस लौट आया। पहलगाम हमले के गवाहों ने बताया था कि हमलावर आपस में पश्तून भाषा में बात कर रहे थे, जो कि पाकिस्तान से जुड़ा हुआ संकेत है। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों द्वारा किया गया था, जिनका एक कवर संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) है। TRF ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी, लेकिन यह साफ दिखाने की कोशिश की थी कि यह हमला एक स्थानीय संगठन का काम था।

 पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए उनका नेटवर्क कमजोर कर दिया है। सुरक्षाबलों की कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि आतंकवादियों के खिलाफ कोई भी नर्मी नहीं दिखाई जाएगी और उन्हें हर हाल में कड़ा जवाब दिया जाएगा।
 
 

 

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