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संतरे बेचने वाले हरेकला हजब्बा को मिला पद्मश्री, जमा-पूंजी से गरीबों के लिए खोला स्कूल

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 09 Nov, 2021 12:23 PM
संतरे बेचने वाले हरेकला हजब्बा को मिला पद्मश्री, जमा-पूंजी से गरीबों के लिए खोला स्कूल

किसी ने सच ही कहा है कि इंसान धन-दौलत नहीं बल्कि दिल से अमीर होता है। हाल ही में पद्म श्री से सम्मानित हुए फल विक्रेता हरेकला हजब्बा ने इसे बात को बखूबी साबित भी कर दिखाया है। दरअसल, सोमवार को राष्ट्रपति भवन में कई लोगों को देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म से नवाजा गया। इसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत, फिल्म निर्माता करण जौहर, एकता कपूर, सहित कई सितारों को यह अवॉर्ड दिया गया। वहीं, एक और शख्स जो पद्मश्री सम्मान मिलने को लेकर चर्चा में है वो है 68 वर्षीय हरेकला हजब्बा, जो कर्नाकट में संतरे बेचने का काम करते हैं। अब आप सोच रहे हैं होंगे कि भला उन्हें यह अवॉर्ड क्यों दिया गया।

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हरेकला हजब्बा को क्यों मिला पद्म श्री?

दरअसल, कर्नाटक, मैंगलोर के रहने वाले 68 वर्षीय फल विक्रेता हरेकला हजब्बा एक दिन में 150 रुपए कमा लेते हैं। मगर, प्रतिदिन की इस कमाई को जोड़-जोड़कर उन्होंने एक प्राथमिक विद्यालय बनवा डाला, जिसके लिए सोमवार को उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के हाथों भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से सम्मानित किया गया।

इसलिए किया स्कूल बनाने का फैसला

हरेकला ने एक इंटरव्यू में बताया कि कई साल पहले जब एक विदेशी पर्यटक ने उनसे अंग्रेजी में एक संतरे की कीमत पूछी तो उन्हें समझ में नहीं आया कि वह क्या कहा रहा था और उन्हें शर्मिंदगी महसूस हुई। उन्होंने किसी भी तरह की कोई भी औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी। उस दिन उन्होंने एक स्कूल बनाने की कसम खाई।

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सारी जमा पूंजी से बनवाया स्कूल

खबरों के मुताबिक, हरेकला हजब्बा के गांव न्यूपाडापु में कई सालों तक कोई स्कूल नहीं था। गांव के सभी बच्चे शिक्षा के अधिकार से वंचित थे। फिर, 2000 में हरेकला हजब्बा ने अपनी सारी जमा पूंजी का निवेश किया और एक एकड़ जमीन पर एक स्कूल खड़ा कर डाला। आज उस स्कूल में 10वीं कक्षा तक के 175 छात्र हैं। वह  करीब 10 साल से गरीब बच्चों के लिए स्कूल चला रहे हैं।

गांव में प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज खोलने का है सपना

हरेकाला ने बताया कि स्कूल में अभी प्राथमिक लेवल पर ही पढ़ाई होती है। भविष्य में वह गांव में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज खोलने चाहते है, जिसके लिए वह लगातार तैयारियां कर रहे हैं। बता दें कि जनवरी 2020 में यह घोषणा की गई थी कि हरेकला हजब्बा को पद्म श्री पुरस्कार मिलेगा। हालांकि, महामारी के कारण पहले समारोह आयोजित नहीं किया जा सका।

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गौरतलब है कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया। पद्म पुरस्कारों की 2021 की सूची में सात पद्म विभूषण, 10 पद्म भूषण और 102 पद्म श्री पुरस्कार शामिल हैं, जिनमें से 29 पुरस्कार विजेता महिलाएं हैं और एक पुरस्कार विजेता एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति है। पद्म पुरस्कार कला, सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान और इंजीनियरिंग, व्यापार और उद्योग, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल, सिविल सेवा आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में दिए गए हैं।

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