29 APRMONDAY2024 6:12:46 PM
Nari

सोशल मीडिया ही नहीं यह उद्योग भी हैं 'धीमा जहर', लोगों को इस तरह बना रहे हैं बीमार

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 05 Apr, 2023 12:12 PM
सोशल मीडिया ही नहीं यह उद्योग भी हैं 'धीमा जहर', लोगों को इस तरह बना रहे हैं बीमार

जहां एक तरफ अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए कई देशों में चीनी ऐप टिकटॉक को बैन करने की तैयारी चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है जो चिंता का विषय है। रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ सोशल मीडिया ही नहीं बल्कि कई उद्योग भी लोगों के स्वास्थ्य को कई तरह से नुकसान पहुंचा रहे हैं।  ऐसे में हमें सतर्क रहने की जरूरत है।

PunjabKesari
धीमा जहर हैं ये उद्योग

विज्ञान पत्रिका द लांसेट में हाल ही में रिपोर्ट की एक श्रृंखला प्रकाशित की गई है, जिसमें दावा किया गया है कि व्यावसायिक उत्पाद (Commercial Products) सीधे इंसान के स्वास्थ्य को खराब कर रहे हैं। लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे कई उद्योग हैं जिनके बारे में लोगों को लगता है कि वे उनके लिए फायदेमंद है लेकिन यह उनके लिए धीमा जहर है। इनमें सोशल मीडिया, दवा और खनन उद्योग शामिल है। 

PunjabKesari
दवा उद्योग में धनी लोगों का दबदबा 

सबसे पहले बात करते हैं दवा उद्योग की, कीमतें बढ़ाने और आवश्यक दवाओं तक पहुंच को सीमित करने के लिए बौद्धिक संपदा का इसका दुरुपयोग एक आम चलन बन गया है। महामारी के दौरान कुछ ऐसा ही देखने को मिला। धनी देशों को कोविड-19 टीकों की पूर्व-बिक्री इसका सबसे बड़ा उदाहरण था। एचआईवी के लिए एंटीरेट्रोवाइरल दवाओं की कीमत कम करने के लिए उद्योग के लंबे समय से प्रतिरोध का मतलब था कि हजारों लोग, ज्यादातर विकासशील देशों में, मर गए क्योंकि उनके पास इलाज की कमी थी

PunjabKesari

मानसिक रोगी बना रहा है सोशल मीडिया

सोशल मीडिया की लत भी हमें मानसिक रोगी बना रही है। कुछ रिपोर्ट्स दावा कर रहे हैं कि सोशल मीडिया की लत बच्चों के मानसिक विकास को प्रभावित करने के साथ उनमें अवसाद, चिंता और नकारात्मक भावनाओं को बढ़ा रही है।विशेषतौर पर बच्चों में बढ़ती यह लत काफी गंभीर साबित हो सकती है।सोशल मीडिया का अधिक इस्तेमाल बच्चों के दिमाग को भी सिकोड़ रहा है।

PunjabKesari

खनन  उद्योग में गंभीर स्थिति का किया जा रहा है सामना 

खनन और औद्योगिक क्षेत्र गंभीर प्रदूषण की स्थिति का सामना कर रहा है। प्रदूषित पानी और हवा के प्रभाव से किडनी, सांस की बीमारियों के कारण लोगों को समय से पहले अपनी जान गंवानी पड़ रही है। कई तरह के उद्योगों जैसे कॉटन की मिलों, धातु की घिसाई वाली फैक्टरियों, ऐस्बेसटस की फैक्टरियों, खानों और चावल की मिलों में बहुत तरह की धूल और रेशे हवा में उड़ाते हैं। अगर धूल आदि से बचाव न हो तो बीमारी धीरे धीरे बढ़ती जाती है। किसी किसी तरह की धूल से अधिक नुकसान होता है और किसी से कम। जैसे कि ऐस्बेसटस की धूल से फेफड़ों का कैंसर हो जाता है। यह फैक्टरियों आदि में ऐस्बेसटस की शीट से काम करने वाले लोगों को होता है।
 

Related News