पूरी दुनिया इस समय नए साल के जश्न में डूबी हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि ये वाला न्यू ईयर जो पूरी दुनिया मना रही है अंग्रेजी कैलेंडर के हिसाब से है। इस दौरान लोग खूब पार्टी करते हैं और एक दूसरे को गिफ्ट्स भी देते हैं। हमारे भारत में सिर्फ ये इकलौता नया साल नहीं है, बल्कि साल में पूरे 5 बार न्यू ईयर मनाया जाता है। ये न्यू ईयर अलग- अलग धर्म और संप्रदाय की आस्था के मुताबिक मनाया जाता है। इस दौरान भी लोग खूब जश्न मनाते हैं। आइए आपको बताते हैं की कौन से धर्म के लोग न्यू ईयर मनाते हैं और कैसे...
ईसाई न्यू ईयर
1 जनवरी को नया साल मनाने का चलन 1582 ई. के ग्रेगेरियन कैलेंडर की शुरुआत के बाद हुआ। रोमन शासक जूलियस सीजर ये कैलेंडर बनाया था। वैसे तो पूरी दुनिया 1 जनवरी को नए साल सेलिब्रेट करती हैं, लेकिन विशेषकर ईसाई धर्म के लोग इस दिन ही नए साल मनाते हैं।
पंजाबी न्यू ईयर
सिख धर्म के लोगों का नया साल बैसाखी पर्व 13 अप्रैल से शुरू होता है। सिख नानकशाही कैलेंडर के अनुसार होली के दूसरे से नए साल की शुरुआत मानी जाती है।
हिंदू न्यू ईयर
भारत में हिंदू धर्म के नववर्ष की शुरुआत चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि यानी चैत्र नवरात्रि से होती है। ये तिथि मार्च या अप्रैल में आती है। मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा ने इसी दिन से सृष्टि की रचना की शुरुआत की थी। इसी दिन से विक्रम संवत के नए साल की शुरुआत होती है।
पारसी न्यू ईयर
पारसी धर्म के लोग भी 19 अगसत को अपना न्यू ईयर मनाते हैं। इसे नवरोज उत्सव कहा जाता है। शाह जमशेदजी ने करीब 3 हजार साल पहले पारसी धर्म में नवरोज मनाने की शुरुआत की थी।
जैन न्यू ईयर
जैन धर्म में लोग दीपवाली के अगले दिन नया साल मनाते हैं। इसे वीर निर्वाण संवत भी कहा जाता है। मान्यता है कि इसी दिन महावीर स्वामी को मोक्ष प्राप्त हुआ था।