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Looks के साथ सेहत का भी रखें ख्याल, बार- बार Hair Colour  करवाने की गलती हरगिज न करें

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 04 Nov, 2025 10:22 AM
Looks के साथ सेहत का भी रखें ख्याल, बार- बार Hair Colour  करवाने की गलती हरगिज न करें

नारी डेस्क: अगर आपको बालों में रंग (hair dye) करने का शौक है, तो ज़रूरी है कि आप जानें बार-बार हेयर कलर करने से बालों पर क्या असर पड़ता है। एक हेयर ट्रांसप्लांट सर्जन के अनुसार लगातार हेयर डाई का इस्तेमाल बालों की प्राकृतिक संरचना, मजबूती और स्कैल्प की सेहत पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
 

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 हेयर डाई में मौजूद केमिकल्स का असर

हेयर कलर में अमोनिया, पेरॉक्साइड और PPD (para-phenylenediamine) जैसे केमिकल्स होते हैं। अमोनिया बालों के क्यूटिकल (outer layer) को खोल देता है ताकि रंग अंदर जा सके, लेकिन इससे बाल कमजोर हो जाते हैं। हाइड्रोजन पेरॉक्साइड बालों के नैचुरल पिगमेंट को तोड़ देता है, जिससे वे रुखे और टूटने लगते हैं। PPD एलर्जी, खुजली और स्कैल्प इरिटेशन का कारण बन सकता है।


बार-बार कलर करने के नुकसान

बालों का झड़ना (Hair fall): लगातार कलर करने से बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं।
बालों का रुखापन (Dryness): केमिकल्स से स्कैल्प का नैचुरल ऑयल खत्म हो जाता है।
टूटना और दोमुंहे बाल : बालों की बाहरी परत खराब हो जाती है।
स्कैल्प में जलन या डैंड्रफ:  बार-बार कलर बदलने से स्कैल्प इरिटेट हो सकता है।
 

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 हेयर एक्सपर्ट की सलाह

 हर 6–8 हफ्ते से पहले बालों को दोबारा कलर न करें। अमोनिया-फ्री और हर्बल डाई  का इस्तेमाल करें।  कलर के बाद डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट जरूर करें। स्कैल्प पर कोकोनट या आर्गन ऑयल की हल्की मसाज करें ताकि नमी बनी रहे। ज्यादा कलरिंग करने से पहले हेयर ट्रिमिंग करवाएं ताकि डैमेज कम हो। याद रखें कि बार-बार कलर बदलने से आपका लुक तो बदल सकता है, लेकिन बालों की हेल्थ पर असर पड़ना तय है। इसलिए लुक्स से पहले हेल्थ को प्राथमिकता दें और बालों को समय-समय पर नेचुरल ट्रीटमेंट दें।

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