नारी डेस्क: हाथों में अंगूठियां पहनना केवल शोभा के लिए नहीं होता, बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर धातु और रत्न का संबंध किसी ग्रह और देवता से जुड़ा होता है। इनमें से लोहे की अंगूठी विशेष महत्व रखती है। आइए जानते हैं कि लोहे की अंगूठी क्यों पहननी चाहिए, किस उंगली में पहनना शुभ है और इससे क्या लाभ होते हैं।
लोहे की अंगूठी का महत्व
ज्योतिष के अनुसार, लोहे का संबंध भगवान शनि देव से होता है। धार्मिक मान्यता है कि शनि देव लोहे में वास करते हैं। इसलिए शनि की कृपा पाने और उनके दुष्प्रभावों से बचने के लिए लोहे की अंगूठी पहनना शुभ माना जाता है। साढ़े साती का प्रभाव कम करना: जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़े साती चल रही हो, उन्हें लोहे की अंगूठी पहनने की सलाह दी जाती है। राहु और केतु के दुष्प्रभाव से मुक्ति: लोहे की अंगूठी पहनने से राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव भी कम होते हैं।

कौन सी उंगली में पहनें लोहे की अंगूठी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लोहे की अंगूठी दाहिने हाथ की बीच वाली उंगली में पहनना सबसे शुभ माना जाता है। राहु और बुध की अशुभ स्थिति में भी यही उंगली उत्तम मानी जाती है। इससे शनि के साथ राहु और बुध की स्थिति भी मजबूत होती है।
लोहे की अंगूठी पहनने की प्रक्रिया
लोहे की अंगूठी पहनने से पहले कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है
ज्योतिष परामर्श: अंगूठी पहनने से पहले किसी योग्य ज्योतिष से सलाह लें।
सही दिन और समय: हमेशा शनिवार की शाम को लोहे की अंगूठी पहनना चाहिए।
मंत्र का जाप: अंगूठी पहनते समय भगवान शनि के बीज मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
नक्षत्र का ध्यान: शनिवार के साथ-साथ रोहिणी, पुष्य, अनुराधा और उत्तर भद्रा नक्षत्र में पहनने से शुभ फल प्राप्त होते हैं।
नजर दोष से मुक्ति: अंगूठी पहनने से नकारात्मक नजर दोष से भी बचाव होता है।

लोहे की अंगूठी न पहनने की स्थिति
यदि कुंडली में शनि की स्थिति के साथ बुध, शुक्र या सूर्य की स्थिति विशेष रूप से हो, तो लोहे की अंगूठी पहनना हानिकारक हो सकता है। ऐसी स्थिति में चांदी की अंगूठी पहनना बेहतर माना जाता है।