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रिसर्च में खुलासा: मां बनने के बाद महिलाओं के खर्च और बचत के तरीके में बड़ा बदलाव

  • Edited By Monika,
  • Updated: 25 Nov, 2025 12:42 PM
रिसर्च में खुलासा: मां बनने के बाद महिलाओं के खर्च और बचत के तरीके में बड़ा बदलाव

नारी डेस्क : मां बनना हर औरत के लिए एक बेहद खूबसूरत और अनमोल एहसास होता है। लेकिन इस नए सफर के साथ महिलाओं की जिंदगी में कई बदलाव भी आते हैं, जिनमें सबसे बड़ा बदलाव पैसों के खर्च और बचत के तरीके में देखने को मिलता है। कनाडा की कार्लटन यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ शेरब्रूक की रिसर्च में यह सामने आया है कि मां बनने के बाद महिलाओं की आमदनी और वित्तीय सोच पूरी तरह बदल जाती है।

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मां बनने के बाद महिलाएं न केवल अपनी आय पर असर महसूस करती हैं, बल्कि बजट बनाने, खर्च और बचत के तरीके बदलने जैसी जिम्मेदारियां भी खुद पर लेती हैं। इसके साथ ही वे बच्चों की जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बार अकेले ही खर्च उठाती हैं, जिससे उनकी लंबी अवधि की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ता है।

मां बनने का आर्थिक प्रभाव

मां बनने के बाद महिलाओं के करियर पर भी असर पड़ता है। कई महिलाएं अपने प्रमोशन और तरक्की के मौके गंवा देती हैं। कनाडा की 2015 की रिपोर्ट के अनुसार, मां बनने के 10 साल बाद भी महिलाओं की आमदनी उन महिलाओं से लगभग 34.3% कम होती है, जो मां नहीं बनीं। इसके अलावा, महिलाएं पुरुषों की तुलना में 19 गुना ज्यादा बार बच्चों की देखभाल के लिए पार्ट-टाइम काम करने का हवाला देती हैं।

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पैसों को लेकर बदलती सोच

रिसर्च में यह पाया गया कि मां बनने के बाद महिलाएं पैसों को लेकर दो तरह की सोच अपनाती हैं।
फाइनेंशियल मैनेजर की भूमिका: बजट बनाना और खर्च ट्रैक करना।
बच्चों की पढ़ाई और भविष्य के लिए सेविंग प्लान तैयार करना।
खर्चों की जिम्मेदारी खुद लेना, कई बार पार्टनर को खर्च की जानकारी न देना।

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अपनी ख्वाइशों का त्याग करना

दूसरी ओर, मां बनने के बाद महिलाएं त्याग और प्राथमिकता की भावना भी अपनाती हैं। इसका मतलब है कि वे अपनी ख्वाइशों का त्याग करती हैं, और बच्चों की जरूरतों को अपनी प्राथमिकताओं से ऊपर रखती हैं। कई बार वे खुद की सुविधाओं या करियर के मौके पीछे रख देती हैं और बच्चों की खुशी और भलाई के लिए व्यक्तिगत खर्चों में कटौती करती हैं।

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बजट और खर्च की जिम्मेदारी

कई महिलाएं डायपर, कपड़े और अन्य बच्चों की जरूरतें खुद संभालती हैं।
वे अपने खर्च और बजट पर पूरा कंट्रोल रखना पसंद करती हैं।
खुद को बच्चों की देखभाल और परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी में जिम्मेदार मानती हैं।

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मां बनने के बाद महिलाओं की आर्थिक सोच और व्यवहार पूरी तरह बदल जाता है।
वे खुद को फाइनेंशियल मैनेजर और परिवार की संरक्षक के रूप में देखती हैं।
बच्चों की जरूरतें हर आर्थिक फैसले से ऊपर होती हैं।

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