08 DECMONDAY2025 10:10:27 PM
Nari

कपड़ों से भी खराब होते हैं महिलाओं के Hormones, नहीं जानते होंगे ये सच्चाई!

  • Edited By Monika,
  • Updated: 26 Nov, 2025 01:55 PM
कपड़ों से भी खराब होते हैं महिलाओं के Hormones, नहीं जानते होंगे ये सच्चाई!

नारी डेस्क : सर्दियों में हम हर साल नई जैकेट, इनर और ऊनी कपड़े खरीदते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इन कपड़ों में इस्तेमाल होने वाले डाई, फिनिशिंग एजेंट और वॉटर-रेसिस्टेंट कोटिंग्स में ऐसे केमिकल्स हो सकते हैं जो शरीर के हार्मोन सिस्टम को प्रभावित करते हैं? वैज्ञानिक इन्हें कहते हैं Endocrine Disruptors यानी ऐसे रसायन जो एस्ट्रोजन की नकल करते हैं या उसकी क्रिया को रोकते हैं।मेनोपॉज़ कोच तमन्ना सिंह ने महिलाओं के मेनोपॉज और हार्मोन असंतुलन से जुड़ी बेहद महत्वपूर्ण जानकारी महिलाओं के साथ साझा की है चलिए इसके बारे में बताते हैं। 

मेनोपॉज़ और हार्मोन असंतुलन पर असर

मेनोपॉज़ के दौरान शरीर का हार्मोनल संतुलन पहले ही संवेदनशील होता है। ऐसे में ये टॉक्सिन्स हॉट फ्लैश, स्किन ड्राइनेस, थकान और मूड स्विंग्स जैसे लक्षण और बढ़ा सकते हैं। कई बार ये रसायन कपड़ों के रंग या टेक्सचर को टिकाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। खासकर सिंथेटिक फाइबर और वॉटरप्रूफ जैकेट्स में। सर्दियों में जब हम ये कपड़े लंबे समय तक पहनते हैं, तो ये त्वचा के संपर्क में रहकर धीरे-धीरे शरीर में अवशोषित होते हैं।

PunjabKesari

इन केमिकल्स से कैसे बचें

प्राकृतिक फैब्रिक चुनें: 100% कॉटन, ऊन या बांस के कपड़े पहनें।
नए कपड़े धोएं: नए कपड़े पहनने से पहले एक बार धोना ज़रूरी है।

यें भी पढ़ें : BP, Sugar और Cholesterol सबकी काल ये लाल चाय, सर्दी में जरूर पीएं

सिंथेटिक कपड़ों से सावधानी: बहुत टाइट या लंबे समय तक सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें।
घर में वेंटिलेशन रखें: घर की खिड़कियां खुली रखें ताकि हवा का प्रवाह बना रहे।

PunjabKesari

जो कपड़े हमें गर्म रखते हैं, वही कभी-कभी शरीर के भीतर असंतुलन का कारण बन सकते हैं, जागरूकता ही सुरक्षा है।

 

Related News