23 DECMONDAY2024 3:27:34 AM
Nari

मिलिए  विश्व की पहली महिला रिवर पायलट से, जो लहरों से टकराते हुए समुद्र में  ढूंढती है रास्ता

  • Edited By vasudha,
  • Updated: 05 Oct, 2021 01:50 PM
मिलिए  विश्व की पहली महिला रिवर पायलट से, जो लहरों से टकराते हुए समुद्र में  ढूंढती है रास्ता

इंसान जो चाहे वो बन सकता है, जरूरत होती है हिम्मत और हौंसले की। अगर आप भी आसमान को छूना चाहती हैं तो रेशमा नीलोफर से की कहानी आपको पंख दे सकती है।  रेशमा उन लाखों-करोड़ों लड़कियों के लिए रोल मॉडल बन गई है जो अपने दम पर सपने पूरा करना चाहती हैं। तो चलिए आज हम आपको मिलाते हैं विश्व की पहली महिला रिवर पायलट रेशमा नीलोफर नहा से। 

PunjabKesari

समुद्री जहाजों को दिखाती है रास्ता

चेन्नई की रेशमा नीलोफर नहा दुनिया की पहली महिला रिवर पायलट है जो टकराते हुए समुद्री जहाजों को पानी में रास्ता दिखाती हैं। वह दुनिया की पहली और एकमात्र महिला रिवर पायलट हैं, जो कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट (KoPT) के साथ काम कर रही हैं। रिवर पायलट का काम आसान नहीं है। जहाज़ों को तट तक पहुंचाने के लिए नदियों का ज्ञान होना बेहद जरूरी होता है। 

PunjabKesari
हर रास्ते की रखती है जानकारी 

मरीन पायलट बंदरगाह से लेकर समुद्र की एक खास सीमा तक हर रास्ते, स्थितियों और खतरों की जानकारी रखती हैं। ये मालवाहक जहाज़ों को बंदरगाह पर लंगर डालने और वहां से समुद्र में बंदरगाह की सीमा तक छोड़ने का काम करती हैं। नहा ने मरीन टेक्नोलॉजी में बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, रांची से बीई किया है। इसके साथ-साथ उन्हें नॉटिकल साइंस में भी उपलब्धि प्राप्त है।

PunjabKesari
काफी चुनौती भरा है काम

रेशमा का मानना है कि कोई अब यह नहीं कह सतका कि  यह पेशे पुरुष-प्रधान है।  जब तक हम पुरुषों को किसी क्षेत्र में हावी नहीं होने देंगे, तब तक कुछ भी पुरुष-प्रधान नहीं है। अपने काम को लेकर उन्होंने कहा कि 'पहली मरीन पायलट होने से खुशी भी होती है और ये काफी चुनौती भरा भी लगता है। नहा कहती हैं कि मैं अपने काम से वाकिफ हूं लेकिन जब पूरा जहाज़ आपके भरोसे आगे बढ़ता है तो ज़िम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। , वे अपने जीवन के हर दिन को एक चुनौती की तरह जीना चाहती हैं। रास्तों के बारे में वह बताती हैं कि  हर बंदरगाह की भौगोलिक स्थितियां अलग-अलग होती हैं। कहीं पर बंदरगाह तक आते-आते समुद्र नदी में बदल जाता है और रास्ते संकरे हो जाते हैं।  कहीं पर पानी ज़्यादा तो कहीं कम हो जाता है। 

PunjabKesari
नेवी में महिलाओं की  कमी


नहा कहती हैं कि भारतीय नौसेना और मर्चेंट नेवी में महिलाओं की बहुत कमी है। अब धीरे-धीरे वो आगे बढ़ रही हैं, लेकिन यहां आने के लिए उन्हें शारीरिक मज़बूती के अलावा मानसिक मजबूती की भी सख़्त ज़रूरत है।  महिलाओं को लेकर क्षेत्र में अभी स्वीकार्यता नहीं है इसलिए उन्हें मानसिक तौर पर तैयार रहना चाहिए। 

Related News