
नारी डेस्क: हिंदी सिनेमा का एक सितारा हमेशा के लिए इस दुनिया से चला गया। दिवंगत अभिनेता मनोज कुमार पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। शनिवार को उनका अंतिम संस्कार जुहू के पवनहंस श्मशान घाट में किया गया। हिंदी फिल्म उद्योग से अशोक पंडित, प्रेम चोपड़ा, अमिताभ बच्चन और कई दिग्गज भारत कुमार को अंतिम विदाई देने पहुंचे। दिग्गज अभिनेता-फिल्म निर्माता का शुक्रवार को कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उम्र संबंधी समस्याओं के कारण निधन हो गया। वह 87 वर्ष के थे।
मनोज कुमार के भवन परिसर के प्रवेश द्वार पर सभी के अंतिम दर्शन के लिए युवा कुमार की एक तस्वीर रखी गई थी। तिरंगे के फूलों से सजे कुमार के पार्थिव शरीर को ले जाने वाली एक एम्बुलेंस सुबह करीब 10:30 बजे अभिनेता के आवास से अंतिम संस्कार के लिए रवाना हुई थी। मनोज कुमार को साल 1992 में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित गया था, जिसके चलते उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन भी पवन हंस श्मशान घाट पहुंचे थे जहां बिग बी कर आंखों में दोस्त को खोने का गम साफ नजर आ रहा था। इसके अलावा सलीम खान बेटे अरबाज खान के साथ मनोज कुमार के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। शुक्रवार को दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र, प्रेम चोपड़ा, फिल्म निर्माता मधुर भंडारकर, फराह खान अपने भाई साजिद खान के साथ और अन्य लोग अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए कुमार के आवास पर पहुंचे।
कुमार को उनके प्रशंसकों के बीच 'भारत कुमार' के नाम से जाना जाता था, क्योंकि उन्होंने 'शहीद', 'उपकार', 'पूरब और पश्चिम' और 'रोटी, कपड़ा और मकान' जैसी देशभक्ति फिल्मों में काम किया था। अविभाजित भारत के एबटाबाद शहर (पाकिस्तान) में एक पंजाबी हिंदू परिवार में हरिकृष्ण गोस्वामी के रूप में जन्मे कुमार का परिवार भारत की स्वतंत्रता के वर्ष 1947 में दिल्ली आ गया था। फिल्मों में करियर बनाने के लिए मुंबई जाने से पहले उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। कुमार की कुछ अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में 'हिमालय की गोद में', 'दो बदन', 'पत्थर के सनम', 'हरियाली और रास्ता', 'क्रांति' और अन्य शामिल हैं। उनके परिवार में उनके दो बेटे और पत्नी शशि हैं।