खराब लाइफस्टाइल के कारण बच्चे के स्वास्थ्य का ध्यान रखना माता-पिता के लिए जरुरी हो जाता है। बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए माइक्रो न्यूट्रिएंट्स बहुत ही आवश्यक होते हैं। ऐसे ही माइक्रोन्यूट्रिएंट्स में से एक मैग्नीशियम भी है। यदि बच्चे को पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम न मिले तो उनकी लंबाई, त्वचा और बालों पर बुरा प्रभाव पड़ता है। बच्चों के शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर क्या लक्षण दिखते हैं और आप इसे पूरी कर सकते हैं, आज आपको इसके बारे में बताएंगे। तो चलिए जानते हैं....
मैग्नीशियम की कमी के लक्षण
. सिरदर्द
. नींद न आना
. मांसपेशियों में दर्द
. सुबह उठते ही बीमार जैसा महसूस होना
इन समस्याओं से पहचान सकते हैं पेरेंट्स
. यदि आपके बच्चे की बार-बार आंख फड़फड़ा रही है।
. अगर उसे रात में सोने में दिक्कत आ रही है।
. खाना पचाने में परेशानी होना, पेट में दर्द रहना
. सिर दर्द, शरीर में दर्द का महसूस होना
. दांत में दर्द और मसूड़ों में सूजन का महसूस होना
. बैचेनी और घबराहट का होना
कितना मैग्नीशियम बच्चे को चाहिए होता है
एक्सपर्ट्स के अनुसार, आपके बच्चे को कितना मैग्नीशियम चाहिए यह उसकी उम्र पर निर्भर करता है। जैसे 0-6 महीने के शिशु को 30 मिलीग्राम, 7-12 साल के बच्चे को 75 मिलीग्राम, 1-3 साल के बच्चे को 80 मिलीग्राम, 4-8 साल के बच्चे को 130 मिलीग्राम, 9-13 साल के बच्चे को 240 मिलीग्राम की जरुरत होती है।
कैसे कर सकते हैं कमी दूर?
यदि आपके बच्चे के शरीर में मैग्नीशियम की कमी हो गई है तो आप डॉक्टरों से कुछ जरुरी टेस्ट करवाएं। इसके अलावा आप उन्हें रुटीन में कुछ चीजों का सेवन भी जरुर करवाएं। आप उन्हें डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, ब्रोकली, फलिया, काली बीन्स, हरे मटर, बीन्स, ऑल-ब्रान अनाज, जी, साबुत अनाज की रोटी, ब्राउन राइस, काजू, बादाम, ब्राजील नट्स, मूंगफली, मेवे, सूरजमुखी, कद्दू और चिया के बीज, सोया दूध, दही, केले, टोफू, डॉर्क चॉकलेट और कोको पाउडर दे सकते हैं।
नोट: यदि बच्चा इन चीजों को खाने से मना करता है तो आप स्मूदी, पिज्जा, बर्गर में मिलाकर उसे यह चीजें खिला सकते हैं।