हर साल गणेश चतुर्थी का त्योहार बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस बार यह पवित्र त्योहार 22 अगस्त को आएगा। प्रथम पूजनीय माने जाने वाले गणेश जी की अराधना के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसे में किसी भी मंगल को करने से पहले गौरीसुत गणेश की पूजा करके शुभ फल की प्राप्ति की जाती है। सच्चे मन से इनकी अराधना करने से बल, बुद्धि, विवेक, धन, यश आदि की प्राप्ति होती है। ऐसे में ही भगवान गणपति के कुछ खास मंत्रों और उनके 14 नामों का उच्चारण व जाप करने से जीवन में चल रही परेशानियों, संकटों, धन आदि की समस्या दूर हो शुभफल मिलता है। घर में खुुशहाली भरा माहौल होने के साथ परिवार में एकता व प्यार बढ़ता है।
तो चलिए आज हम आपको गणपति बप्पा के उन विशेष मंत्रों के बारे में बताते हैं, जिनका जाप करने से जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सुख- समृद्धि और यश की प्राप्ति होती है।
आर्थिक परेशानी दूर करने के लिए
गणेश जी का बीज मंत्र 'गं' माना जाता है। इनसे बने मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः' का जाप करने से मनोकामना पूरी होती है। इसके साथ ही आर्थिक परेशानी दूर हो जीवन में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। आमदन में वृद्धि होने के साथ सुख-समृद्धि आती है।
आत्मबल बढ़ाने के लिए
जो लोग हर समय निराश रहते हैं। ऐसे में उनमें आत्मबल की भी कमी होती है। उन्हें अपना आत्मबल बढ़ाने के लिए गणेश जी के 'ॐ गंं नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए।
नौकरी पाने के लिए
जिन लोगों को नौकरी से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ घर में पैसों से संबंधित समस्या होने पर 'ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा' मंत्र का जाप करना बेहद शुभ होगा।
आलस और कष्टों को दूर करने के लिए
गणेश जी के 'गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:' मंत्र का सच्चे मन से जाप करने से जीवन में बड़ी हुई निराशा का अंत हो खुशहाली आती है। घर में चल रहे लड़ाई- झगड़े दूर हो परिवार में एकता व प्यार बढ़ता है। साथ ही आलस दूर हो काम करने की शक्ति बढ़ती है।
विवाह का योग खोलने के लिए
बहुत से लोगों को विवाह में बांधा और कई तरह के दोष आने से शादी होने में देरी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन दोषों को दूर करने और विवाह के संयोग को खोलने के लिए 'ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा'। इससे विवाह में आने वाली बांधा दूर हो अच्छा व सुंदर जीवनसाथी मिलता है।
इसके साथ ही भगवान श्रीगणेश के अथर्वशीर्ष, संकटनाशन गणेश स्तोत्र, गणेशकवच, संतान गणपति स्तोत्र, ऋणहर्ता गणपति स्तोत्र, मयूरेश स्तोत्र, गणेश चालीसा आदि का पाठ करने से भी शुभफल की प्राप्ति होती है।
प्रथम पूजनीय गणेश जी के इन 14 नामों का भी हर सुबह नहाकर मंदिर में घी का दीपक जलाकर उच्चारण कर भगवान गणेश की आराधना करने से जीवन के सारे दुख-दर्द दूर हो घर- परिवार सुख- समृद्धि व शांति से भर जाता है। तो चलिए जानते हैं गौरीपुत्र गणेश के वे 14 नाम...
विनायक, कृष्णपिंगाक्ष, गजानन, गणेश, गौरीसुत, लंबोदर, एकदंत, वक्रतुंड, विकट, विघ्नराज, भालचंद्र, गणधिप, हेरंब, आखुरघ