पर्वतीय राज्य में लगातार तीसरे दिन भारी बारिश के कारण शिमला-कालका राजमार्ग सोमवार सुबह अवरुद्ध हो गया। राज्य में भारी बारिश के कारण भूस्खलन, घरों को नुकसान पहुंचने और कई लोगों की मौत होने के एक दिन बाद मौसम विभाग ने सोमवार को ‘अत्यंत भारी बारिश' के लिए ‘रेड अलर्ट' जारी कर दिया गया है।
यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल शिमला-कालका मार्ग पर रेल परिचालन मंगलवार तक के लिए रोक दिया गया है क्योंकि भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध है। शिमला से लगभग 16 किमी दूर शोघी के पास सोमवार को भूस्खलन के बाद शिमला-कालका राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। जिले में 120 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हैं जबकि 484 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं।
इसी बीच हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक वीडियो जारी कर लोगों से अपील की कि वे भारी बारिश में घरों से बाहर निकलने से, खासकर नदियों और नालों के पास जाने से बचें, क्योंकि मौसम विभाग ने भारी बारिश होने की चेतावनी दी है। अगर आप भी दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो अभी वहां जाने का सही समय नहीं है।
ब्यास नदी इस समय अपने रौद्र रूप में बह रही है। ब्यास नदी के किनारे स्थित मंडी शहर के अलावा धर्मशाला, डलहौजी और शिमला आदि कई शहर बारिश के पानी से काफी प्रभावित है। इन शहरों की सड़के भी किसी खतरे से कम नहीं है। वहीं आलू ग्राउंड मनाली में 30 लोग फंस गए हैं, इन्हें आज एयरलिफ्ट कर सुरक्षित निकाला जाएगा। इससे पहले कसौल में भारी बारिश के कारण फंसे हए 25 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
जिला प्रशासन ने पर्यटकों से की यह अपील
-आपदा के समय धैर्य से काम लें।
-बाढ़ का अंदेशा होने पर सुरक्षित स्थान पर जाएं।
-नालों और पानी के संभावित तेज बहाव वाले स्थानों से दूर रहें।
-भूस्खलन वाली पहाड़ी की तरफ या नदी के साथ लगती सड़क पर वाहन पार्क न करें।
-प्रशासन के दिशा निर्देशों का पालन करें। अति आवश्यक परिस्थितियों में ही यात्रा करें।
आपदा के समय किसी भी प्रकार की मदद के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आपातकाल नंबर 1077 पर अवश्य कॉल करें।