मां बेटी का रिश्ता दुनिया में सबसे अनमोल होता है। बेटी को मां की ही छवि माना जाता है क्योंकि वो उन्हीं से सारे गुण व आदतें सीखती हैं। साथ ही एक मां में बेटी अपना दोस्त, हमदर्द भी ढूंढ लेती हैं। वहीं, बेटी के रूप में एक मां अपना बचपन दोबारा जी लेती हैं। मगर, कई बार मां-बेटी के रिश्ते में जरा-सी नौंक-झौंक भी हो जाती है जो धीरे-धीरे उनके बीच दूरियां बढ़ा देती हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसके बारे में आज हम आपको बताएंगे।
उम्र के पहले जिम्मेदारियों का अहसास
अक्सर मांएं अपनी बेटियों को बचपन से ही जिम्मेदारियों का अहसास करवाने लगती हैं। उन्हें बचपन से ही जताया जाता है कि उन्हें दूसरे घर जाना है इसलिए काम करो। इसके कारण बच्चियां अपना बचपन खो देती हैं और मां से दूरी भी बना लेती हैं।
बेटी पर विश्वास न करना
अगर बेटी मां-पिता की इज्जत का ख्याल रख रही हैं तो जाहिर है वो आपसे भरोसे की उम्मीद भी रखेगी। मगर, जब आप, खासकर मां और एक औरत होकर जब आप अपनी बेटी पर विश्वास नहीं करती तो उनका मनोबल टूट जाता है। इसके कारण वो आपसे कटी-कटी रहने लगती हैं।
रोक-टोक करना
बेशक बेटी को सही गलत का एहसास करवाना पेरेंट्स की जिम्मेदारी है लेकिन कई आपकी चिंता इतना ओवरप्रोजेसिव हो जाती है कि लड़कियां इन्हें बाउंडेशन समझ लेती हैं। अब अगर कोई बेटियों के मन की बात ना समझ पाए तो दूरियां जायज है।
बात-बात पर कमियां निकलना
हर छोटे-मोटे काम पर बेटियों की कमियां ना गिनवाए और ना ही दूसरों से तुलना करें। आपका यह व्यवहार उनका मन खराब कर देता है और प्यार की जगह नफरत उनके मन में घर कर लेती है। इससे मां-बेटी की बीच दूरियां भी आ जाती हैं।
बेटी और बेटे में फर्क करना
समय भले ही बदल चुका हो लेकिन बेटी और बेटे के बीच आज भी दीवार खड़ी कर दी जाती है। इसके कारण बेटी के मन में हीनभावना जन्म ले लेती है और वो मानसिक तौर पर अलग हो जाती है।
अगर आप अपनी बेटी के साथ रिश्ता मजबूत बनाना चाहते हैं तो ये गलतियां ना दोहराएं। हर बेटी को घर में वो प्यार मिलना चाहिए जिसकी वो हकदार है।