नारी डेस्कः बाकी अंगों की तरह किडनी (Kidneys) भी हमारी बॉडी का एक अहम अंग है। किडनी अगर खराब हो जाए तो सारा शरीर ही गड़बड़ा जाता है। हमारे शरीर में दो किडनियां होती है जो दिखने में राजमाह की तरह लगती है। अगर एक किडनी खराब हो जाए तो व्यक्ति एक किडनी के सहारे जीवित रह सकता है लेकिन अगर दोनों किडनियां खराब हो जाए तो यह जान के लिए खतरा हो सकती है। किडनी में इंफेक्शन (Kidney Infection) और किडनी डैमेज (Kidney Damage) होने के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं जिसका मुख्य कारण हमारा बिगड़ा लाइफस्टाइल ही है। वहीं किडनी संक्रमण हो जाए और इसे समय रहते ना देखा जाए तो भी किडनी डेमेज हो सकती है। चलिए किडनी संक्रमण से जुड़ी कुछ खास जानकारी आपके साथ साझा करते हैं।
शरीर में एक फिल्टर की तरह काम करती है किडनी
किडनी, शरीर में एक फिल्टर का काम करती है। एक स्वस्थ किडनी, हर एक मिनट में लगभग आधा कप रक्त को छानती है और बाकी वेस्ट पानी को मूत्र के रूप में बाहर निकालती है। किडनी, यूरीनरी ट्रैक्ट का हिस्सा होती है जिसमें यूरेटर, ब्लैडर और यूरेथ्रा भी शामिल है। रक्त से तरल अपशिष्ट को छानना और मूत्र के रूप में इसे बाहर निकालना, किडनी का सबसे महत्वपूर्ण काम है। वह शरीर में पानी की मात्रा को बराबर रखकर अतिरिक्त पानी को यूरिन में बदल देती है लेकिन जब किडनी खुद इंफेक्टेड हो जाती है तो यह सारा काम रूक जाता है।
किडनी में इंफेक्शन कैसे होता है? (Kidney Infection Kaise hota hai)
जब किसी प्रकार का भी वायरस या बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है तब किडनी के संक्रमण होने का खतरा होता है। किडनी का संक्रमण, एक या दोनों किडनी को इंफेक्ट कर सकता है। किडनी का संक्रमण यूटीआई (UTI) का ही एक प्रकार है। महिलाओं का पुरूषों के मुकाबले छोटा होता है इसलिए महिलाओं को यूटीआई का इंफेक्शन जल्दी हो जाता है।
किडनी इंफेक्शन के शुरुआती लक्षण (Kidney Infection Symptoms)
बुखार है सबसे पहला व आम लक्षण : इंफेक्शन होने पहला मुख्य लक्षण होता है बुखार। व्यक्ति को बुखार रहता है और ऐसा बार-बार होता है। पेट के निचले हिस्से या कमर दर्द होना। शरीर ढ़ीला या कमज़ोरी
महसूस होने लगती है।अचानक बुखार के साथ शरीर में ठंडक का अनुभव हो सकता है।
बार-बार दस्त या यूरिन आना: किडनी संक्रमण का दूसरा लक्षण बार-बार दस्त होना या यूरिन आना। यह सबसे गंभीर समस्या है। अगर आपको यह समस्या लगातार काफी समय से हो रही है तो आपको डॉक्टर के पास तुरंत चेकअप करवाएं। बदबूदार मूत्र आना सबसे बड़ा किडनी इंफेक्शन का लक्षण हो सकता है। ज़्यादातर लोग, घरेलू उपचार से इस समस्या को ठीक करने की कोशिश करते हैं लेकिन ये घरेलू उपचार संक्रमण के शुरुआती दिनों में ही फायदेमंद हो सकता है अगर संक्रमण ज़्यादा बढ़ चुका है तो डाॅक्टर के पास जाना ही बेहतर रहेगा।
यूरिन में रक्त आना: यूरिन में रक्त आना भी गंभीर लक्षणों में से एक हो सकता है। इसे नजरअंदाज करना जान को खतरे में डाल सकता है। अगर यूरिन करते समय जलन हो या यूरिन में रक्त आए तो यह बहुत ही गंभीर समस्या हो सकती है, तब आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। किडनी के संक्रमण को शुरूआती दिनों में पकड़ लिया जाए तो ठीक होने के आसार बढ़ जाते है।
इसके अलावा ये लक्षण भी किडनी इंफेक्शन के हो सकते हैं जैसेः भूख ना लगना। जी मचलाना या उल्टी जैसा होना। ज्यादा ठंड लगनी और वजन कम होना।
किडनी इंफेक्शन से बचाव कैसे करें? (Kidney infection ka Ilaj)
अगर यूटीआई की समस्या है तो सबसे पहले इसका इलाज करें, इससे किडनी इन्फेक्शन को रोकने में मदद मिल सकती है क्योंकि ज़्यादातर मामलों में किडनी संक्रमण मूत्राशय या मूत्रमार्ग से ही होता है।
यूरिन को ना रोकेंः यूरिन को घंटों रोके ना रखें क्योंकि यह आपकी किडनी और ब्लैडर में इंफेक्शन कर सकता है जो किडनी को खराब भी कर सकता है।
प्राइवेट पार्ट की सफाईः खासकर महिलाओं को यूरिन के बाद आगे से पीछे की ओर सफाई करनी चाहिए, ताकि बैक्टीरिया प्राइवेट पार्ट से मूत्राशय की ओर न जा सकें नियमित रूप से स्नान करें और जननांगों की स्वच्छता का ध्यान रखें।
सुरक्षित यौन संबंध बनाए रखेंः यौन क्रियाओं के बाद यूरिन पास जरूर करें और प्राइवेट पार्ट की साफ-सफाई का ध्यान रखें।
ढीले और सूती कपड़े पहनेंः तंग कपड़े और नायलॉन से बने कपड़े पहनने से नमी बढ़ सकती है, जिससे बैक्टीरिया को पनपने का मौका मिलता है। सूती और ढीले कपड़े पहनना बेहतर होता है। खासकर इनरवियर का चुनाव सूती कपड़े में करें।
बेस्ट डाइटः किडनी को हैल्दी रखना है तो फल, सब्जियां और ताजा फल सब्जियों का जूस पीएं। ज्यादा नमक और प्रोटीन खाने से बचें क्योंकि इससे किडनी पर दबाव बढ़ सकता है।
ब्लैडर और यूरिनरी ट्रैक्ट संक्रमण से बचावः यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) होने पर तुरंत इलाज कराएं, क्योंकि इसका फैलाव किडनी तक हो सकता है।
स्वस्थ जीवनशैलीः धूम्रपान न करें और शराब के सेवन से बचें। व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, ताकि संपूर्ण स्वास्थ्य अच्छा बना रहे।
इम्यून सिस्टम मजबूतः विटामिन सी, जिंक, और एंटीऑक्सीडेंट्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो और संक्रमण से लड़ सके।
बिना सलाह के ना खाएं दवाइयांः डॉक्टर की सलाह के बिना एंटी-बायोटिक्स का इस्तेमाल ना करें और बताई गई सभी दवाओं का कोर्स पूरा करें ताकि संक्रमण पूरी तरह से ठीक हो सके।
इन सभी उपायों को अपनाकर किडनी संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। अगर कोई लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत चिकित्सा सलाह लेना जरूरी होता है।