बच्चे जब 7 से 8 साल की उम्र के हो जाते हैं तब उनके दूध के दांत टूटने शुरू हो जाते हैं। पुराने समय में लोग इन दांतों को संभाल कर रखते थे और नानी-दादी इससे जुड़ी कई तरह की कहानियां सुनाते थे कि दांत संभालने से ये होता है आदि। इस बात के बारे में क्या आपने सोचा है कि इसके कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं जिसके वजह से कुछ लोगों ने अपने बच्चों के दूध के दांत स्टोर करके रखने शुरू कर दिए हैं। आइए जानें, किस वजह से इन दांतों को सुरक्षित रखा जा है।
दांत संभालने का कारण है बच्चे का स्वास्थ्य
बच्चे के स्वास्थ्य को लेकर पेरेंट्स हमेशा से ही गंभीर रहते हैं। अपनी तरफ से वे हर संभव कोशिश करते हैं बच्चा कभी भी गंभीर बीमारियों का शिकार न हो। दूध के दांत स्टोर करने के पीछे यही खास कारण है। साल 2003 में एक अध्ययन के अनुसार यह पता चला है कि बच्चे के दांत में डेंटल स्टेम सेल्स होते हैं जो प्रोटोकाल्स की तरह होते हैं। भविष्य में जरूरत पढ़ने पर इससे कई सेल्स का निर्माण किया जा सकता है। जिससे कई बीमारियों का इलाज हो सकता है।
स्टेम सेल्स कर सकते हैं कई सेल्स का निर्माण
वैज्ञानिको का मानना है कि इंसान का शरीर लाखों-करोड़ों तरह की कोशिकाओं के साथ मिलकर बना है। यह कोशिकाएं तीन तरह की होती हैं जो अलग-अलग तरीके से काम करती हैं। जिसमें से एक है स्टेम सेल्स जो यंग सेल माने जाते हैं। यह दांतों और हड्डियों में पाए जाते हैं जो विकसित होकर कई तरह के सेल्स का निर्माण करते हैं। दूध के टूटे हुए दांत को प्रीजर्व करके रखने से इसे बच्चे के भविष्य में आने वाली सेहत संबंधी परेशानियों में इस्तेमाल किया जा सकता है। बच्चे के बड़े होने पर किसी भी कारण यदि टिश्यू रिपलेसमैंट की जरूरत पढ़ती है तो इन स्टेम सेल्स का इस्तेमाल उन टिश्यू को बनाने में किया जाएगा। इस प्रकार बच्चों के दांतों को बचाकर रखने से जीवन में कई प्रकार की बीमारियों का इलाज हो सकता है।
कैंसर से लड़ने में मददगार
इस विषय में वैज्ञानिक अभी भी कई तरह की रिसर्च कर रहे हैं लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि स्टेम सेल्स डैमेज्ड सेल्स को रिप्लेस करके कैंसर से लड़ने में भी मददगार हो सकते हैं। जिसे स्टेम सेल्स थेरेपी के नाम भी जाना जाता है।
दांत की संभाल जरूरी
इस सुविधा के लिए माता-पिता को बच्चे के दांत गिरने के बाद तुरंत बाद संभाल करने की जरूरत है। इसके लिए स्टोर-ए-टूथ जैसी सेवाओं का उपयोग भी किया जा सकता है ताकि दांतों को ठीक तरह से रखा जा सके। दांतों को तरल नाइट्रोजन क्रायोप्रिजर्वेशन (cryopreservation) वॉल्ट में रखा जाता है, जहां स्टेम कोशिकाएं बरकरार रहती हैं और वर्षों तक प्रयोग करने योग्य होती हैं।
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